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उत्तराखंड में इंजीनियरिंग का शो फ्लॉप होने के बाद अब बीएड भी इसी राह पर चल पड़ा है। इस साल बीएड कॉलेजों में 25 फीसदी सीटें खाली रह गई हैं।
आपदा का असरजानकार इसे आपदा का असर बता रहे हैं। गढ़वाल विवि और संबद्ध कॉलेजों में बीएड की छह हजार सीटें हैं। हर साल इन सीटों पर दाखिले के लिए मारामारी रहती है। दाखिला न मिलने पर काफी छात्र मजबूरी में दूसरे राज्यों का रुख करते हैं। लेकिन कई वर्षों के बाद ऐसा हुआ है कि कॉलेज छात्रों की राह देख रहे हैं।
पढ़ें, राजधानी में निराधार हो गया आधार कार्डगढ़वाल विवि में चली लंबी हड़ताल के चलते इन सीटों को भरने की दूसरी कोशिश अभी तक नहीं हो पाई है। इस वजह से कालेजों को इस सत्र में सीटें खाली रह जाने का डर सता रहा है। बीएड प्रवेश परीक्षा में करीब 12 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे, लेकिन दाखिला लेने उतनी संख्या में छात्र नहीं पहुंचे।
श्रीदेव सुमन विवि की काउंसिलिंग अटकीशासन की लेटलतीफी के कारण श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि में बीएड काउंसिलिंग अटक गई है। विवि ने 11 अगस्त को प्रवेश परीक्षा कराई थी और परिणाम पांच सितंबर को जारी किया था। छह सितंबर को एक शासनादेश जारी हुआ, जिसमें लिखा था कि बीएड कॉलेज पूर्व में जहां से संबद्ध थे, वहीं से रहेंगे।
पढ़ें, पिता के सपने के लिए बेटी ने रचा नया रिकॉर्डजबकि इससे पूर्व जारी हुए शासनादेश के आधार पर यूटीयू के 25 बीएड कॉलेज श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध हुए थे। इस मामले में अंतिम निर्णय न होने से काउंसिलिंग अटक गई है।
कुलपति डॉ. यूएस रावत ने बताया कि इस संबंध में शासन को पत्र भेजा गया है। गौरतलब है कि श्रीदेव सुमन विवि में करीब 2400 बीएड सीटों के लिए 2700 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। सत्र लेट होने की स्थिति में यहां भी सीटें खाली रहने का अंदेशा है।
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उत्तराखंड में इंजीनियरिंग का शो फ्लॉप होने के बाद अब बीएड भी इसी राह पर चल पड़ा है। इस साल बीएड कॉलेजों में 25 फीसदी सीटें खाली रह गई हैं।
आपदा का असर
जानकार इसे आपदा का असर बता रहे हैं। गढ़वाल विवि और संबद्ध कॉलेजों में बीएड की छह हजार सीटें हैं। हर साल इन सीटों पर दाखिले के लिए मारामारी रहती है। दाखिला न मिलने पर काफी छात्र मजबूरी में दूसरे राज्यों का रुख करते हैं। लेकिन कई वर्षों के बाद ऐसा हुआ है कि कॉलेज छात्रों की राह देख रहे हैं।
पढ़ें, राजधानी में निराधार हो गया आधार कार्ड
गढ़वाल विवि में चली लंबी हड़ताल के चलते इन सीटों को भरने की दूसरी कोशिश अभी तक नहीं हो पाई है। इस वजह से कालेजों को इस सत्र में सीटें खाली रह जाने का डर सता रहा है। बीएड प्रवेश परीक्षा में करीब 12 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे, लेकिन दाखिला लेने उतनी संख्या में छात्र नहीं पहुंचे।
श्रीदेव सुमन विवि की काउंसिलिंग अटकी
शासन की लेटलतीफी के कारण श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि में बीएड काउंसिलिंग अटक गई है। विवि ने 11 अगस्त को प्रवेश परीक्षा कराई थी और परिणाम पांच सितंबर को जारी किया था। छह सितंबर को एक शासनादेश जारी हुआ, जिसमें लिखा था कि बीएड कॉलेज पूर्व में जहां से संबद्ध थे, वहीं से रहेंगे।
पढ़ें, पिता के सपने के लिए बेटी ने रचा नया रिकॉर्ड
जबकि इससे पूर्व जारी हुए शासनादेश के आधार पर यूटीयू के 25 बीएड कॉलेज श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध हुए थे। इस मामले में अंतिम निर्णय न होने से काउंसिलिंग अटक गई है।
कुलपति डॉ. यूएस रावत ने बताया कि इस संबंध में शासन को पत्र भेजा गया है। गौरतलब है कि श्रीदेव सुमन विवि में करीब 2400 बीएड सीटों के लिए 2700 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। सत्र लेट होने की स्थिति में यहां भी सीटें खाली रहने का अंदेशा है।
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