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भारत की पूर्वी सीमा पर दशकों से चले आ रहे सीमा पार विद्रोही शिविरों को लेकर एक अहम जानकारी आई है। बीएसएफ ने कहा है कि भारत के विद्रोही संगठनों के
बांग्लादेशी जमीन पर चलने वाले शिविरों और गुप्त ठिकानों की संख्या घटकर ‘लगभग शून्य’ तक पहुंच गई है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक केके शर्मा ने बताया कि पहली बार यह शानदार उपलब्धि पिछले कुछ साल के दौरान दोनों देशों की सीमाओं की रक्षा कर रहे सीमा बलों के बीच उत्कृष्ट और सकारात्मक सहयोग की वजह से हासिल हुई है।
पढ़ें- सेना को मिले 409 अफसर, बांग्लादेश आर्मी चीफ ने भरा जांबाज कैडेटों में जोश
बांग्लादेश में बीएसएफ का समकक्ष बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) सीमा की निगरानी करता है। बीएसएफ के डीजी ने कहा, ‘जब कभी भी हमारे पास बांग्लादेश के पूर्वोत्तर राज्यों में विद्रोहियों की आवाजाही के बारे में सूचना होती है तो हम इसे साझा करते हैं। इसके बाद तत्काल छापेमारी (बीजीबी की तरफ से) की जाती है।’ बीएसएफ के डीजी ने कहा, ‘इसी के फलस्वरूप इन विद्रोहियों के कई प्रशिक्षण केंद्र और ठिकानों को खत्म कर लगभग शून्य कर दिया गया है।’
भारत की पूर्वी सीमा पर दशकों से चले आ रहे सीमा पार विद्रोही शिविरों को लेकर एक अहम जानकारी आई है। बीएसएफ ने कहा है कि भारत के विद्रोही संगठनों के
बांग्लादेशी जमीन पर चलने वाले शिविरों और गुप्त ठिकानों की संख्या घटकर ‘लगभग शून्य’ तक पहुंच गई है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक केके शर्मा ने बताया कि पहली बार यह शानदार उपलब्धि पिछले कुछ साल के दौरान दोनों देशों की सीमाओं की रक्षा कर रहे सीमा बलों के बीच उत्कृष्ट और सकारात्मक सहयोग की वजह से हासिल हुई है।
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बांग्लादेश में बीएसएफ का समकक्ष बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) सीमा की निगरानी करता है। बीएसएफ के डीजी ने कहा, ‘जब कभी भी हमारे पास बांग्लादेश के पूर्वोत्तर राज्यों में विद्रोहियों की आवाजाही के बारे में सूचना होती है तो हम इसे साझा करते हैं। इसके बाद तत्काल छापेमारी (बीजीबी की तरफ से) की जाती है।’ बीएसएफ के डीजी ने कहा, ‘इसी के फलस्वरूप इन विद्रोहियों के कई प्रशिक्षण केंद्र और ठिकानों को खत्म कर लगभग शून्य कर दिया गया है।’