डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 28 Sep 2018 08:32 PM IST
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भारतीय मतदाता संगठन ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह मतदान के समय सभी 'दागी' उम्मीदवारों के नाम के सामने लाल निशान लगाने की शुरुआत करे। इससे मतदाता उम्मीदवारों को बेहतर ढंग से जान पाएंगे और वे साफ-स्वच्छ छवि वाले लोगों को वोट दे सकेंगे। भारतीय मतदाता संगठन के चेयरमैन रिखब चंद जैन ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि एक चौकीदार या चपरासी रखने के समय भी उसकी पुलिस से जांच कराई जाती है।
इसी तरह मतदाताओं के सामने यह अधिकार होना चाहिए कि वे यह जान सकें कि कोई उम्मीदवार किस प्रकार का व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि इस समय कई विधानसभाओं में एक तिहाई से लेकर लगभग 48 फीसदी तक अपराधी लोग नेता बने हुए हैं। अगर इनकी संख्या आधी से अधिक हो जाएगी तो अपराधियों के खिलाफ कोई कानून लाना संभव ही नहीं हो पाएगा।
ऐसे में जरुरी है कि अदालतें, चुनाव आयोग और मीडिया मिलकर ऐसा प्रयास करें जिससे देश में अपराधी चुनाव न लड़ सकें। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार किया था कि (मार्च 2018 में) कुल 4896 जनप्रतिनिधियों में 36 फीसदी पर आपराधिक केस चल रहे हैं। इन नेताओं के ऊपर 3045 केस चल रहे हैं। उत्तरप्रदेश में अपराधी नेताओं की संख्या सबसे ज्यादा है।
भारतीय मतदाता संगठन ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह मतदान के समय सभी 'दागी' उम्मीदवारों के नाम के सामने लाल निशान लगाने की शुरुआत करे। इससे मतदाता उम्मीदवारों को बेहतर ढंग से जान पाएंगे और वे साफ-स्वच्छ छवि वाले लोगों को वोट दे सकेंगे। भारतीय मतदाता संगठन के चेयरमैन रिखब चंद जैन ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि एक चौकीदार या चपरासी रखने के समय भी उसकी पुलिस से जांच कराई जाती है।
इसी तरह मतदाताओं के सामने यह अधिकार होना चाहिए कि वे यह जान सकें कि कोई उम्मीदवार किस प्रकार का व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि इस समय कई विधानसभाओं में एक तिहाई से लेकर लगभग 48 फीसदी तक अपराधी लोग नेता बने हुए हैं। अगर इनकी संख्या आधी से अधिक हो जाएगी तो अपराधियों के खिलाफ कोई कानून लाना संभव ही नहीं हो पाएगा।
ऐसे में जरुरी है कि अदालतें, चुनाव आयोग और मीडिया मिलकर ऐसा प्रयास करें जिससे देश में अपराधी चुनाव न लड़ सकें। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार किया था कि (मार्च 2018 में) कुल 4896 जनप्रतिनिधियों में 36 फीसदी पर आपराधिक केस चल रहे हैं। इन नेताओं के ऊपर 3045 केस चल रहे हैं। उत्तरप्रदेश में अपराधी नेताओं की संख्या सबसे ज्यादा है।