छुट्टी के दिन आप ऑफिस के कोई काम करें या ना करें, लेकिन अगर आप वहां के ईमेल देखते रहते हैं तो काम से अलग नहीं हो पाते। किसी नौकरीपेशा आदमी के लिए वीकेंड की छुट्टी से पहले ऑफिस का कंप्यूटर लॉग-ऑफ करने से बेहतर पल दूसरा नहीं होता। कंप्यूटर बंद तो समझिए काम बंद। ईमेल बंद और उसके साथ आने वाला तनाव भी बंद, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता।
विशेषज्ञों को लगता है कि हम काम से दूर हो ही नहीं पा रहे हैं। छुट्टी के दिन भी हम घर पर ऑफिस के ईमेल देखते रहते हैं, जिसके गंभीर परिणाम हो रहे हैं। असामान्य तौर पर ज्यादा काम करने से डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, यहां तक कि हृदय रोग भी हो सकते हैं। सप्ताह के अंत में मिलने वाली छुट्टी काम करने की क्षमता को बनाए रखने और कुछ नया करने के लिए जरूरी है, लेकिन नौकरी की बढ़ती जरूरतें हमें ऑफिस से अलग होने ही नहीं देतीं।