बहुत से लोग अब शायद यकीन न करें लेकिन 60 के दशक में रोमानिया में निकोलस चाचेस्कू ने लगातार 25 सालों तक न सिर्फ अपने देश के मीडिया की आवाज नहीं निकलने दी बल्कि खाने, पानी, तेल और यहां तक कि दवाओं तक पर प्रतिबंध लगा दिया। नतीजा ये हुआ कि हजारों लोग बीमारी और भुखमरी के शिकार हो गए और उस पर तुर्रा ये कि उनकी खुफिया पुलिस 'सेक्योरिटेट' ने लगातार इस बात की निगरानी रखी कि आम लोग अपनी निजी जिंदगी में क्या कर रहे हैं। चाचेस्कू को पूरे रोमानिया में 'कंडूकेडर' के रूप में जाना जाता था जिसका अर्थ था 'नेता'। उनकी पत्नी एलीना को राष्ट्रमाता का खिताब दिया गया था।