कृषि से जुड़े तीन कानूनों को रद्द कराने समेत मांगों को लेकर पंजाब से दिल्ली कूच के आह्वान के साथ आए किसानों में बुजुर्गों की संख्या भी अच्छी खासी है। जिंदगी के आखिरी पड़ाव में पहुंच चुके बुजुर्ग किसान अपने हौसले के सहारे हक के लिए लड़ने की बात कह रहे हैं। बुजुर्ग किसानों का कहना है कि भूख से मरने से बेहतर है, मांगें मनवाने के लिए गोलियां खाकर अपनी जान दे दी जाए। वह न्याय और हक की लड़ाई लड़ रहे हैं और जीतकर ही वापस जाएंगे।