जब स्कूल ही नही जाएंगे तो सीखेंगे कैसे। यही कहावत पंजाब के कुछ सांसदों पर फिट बैठती है जो लोकतंत्र के सबसे बड़े विद्यालय में तो पहुंच गए लेकिन पहले सेशन में ही उनकी हाजिरी बेहद कम रही। अकाली दल और भाजपा के पंजाब से लोकसभा में दो-दो सांसद हैं। इन चारों ही सांसदों की हाजिरी बेहद कम है।