वे पाकिस्तान में सात सालों तक खुफिया जासूस की भूमिका में रह चुके हैं। पाकिस्तान में अंडर कवर एजेंट की भूमिका के बाद उन्होंने इस्लामाबाद में स्थित इंडियन हाई कमिशन के लिए काम किया। कांधार में आईसी-814 के अपहरण प्रकरण में अपहृत लोगों को सुरक्षित वापस लाने में अजीत की अहम भूमिका रही थी।