सेक्टर-50, सेक्टर-45 और सेक्टर- 35 में यह आयोजन किए गए। सेक्टर- 50 निवासी अलकनंदा ने बताया कि दुर्गा पूजा में इस नृत्य की परंपरा काफी प्राचीन है। इसका काफी महत्व भी है। माना जाता है कि धुनुची नृत्य वास्तव में शक्ति का परिचायक है और इसका संबंध महिषासुर वध से जुड़ा है।