भारत एक विविधतापूर्ण देश है। यह विविधता में एकता की भूमि है जहां विभिन्न जीवन शैली और शिष्टाचार के लोग एक साथ रहते हैं। ऐसे में यहां अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह आम बात है। इन विवाहों को मान्यता देने के लिए अलग-अलग कानून बनाए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न धर्मों के लिए व्यक्तिगत कानूनों का भी निर्माण किया गया है। जिनमें हिंदू विवाह अधिनियम 1955, मुस्लिम पर्सनल लॉ 1937, भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम, पारसी विवाह और विवाह विच्छेद 1936 व विशेष विवाह अधिनियम 1954 मुख्य हैं।
यह जानकारी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है, आइए जानते हैं इनमें से ही कुछ विशेष कानूनों के बारे में...
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