ट्रेन छूट जाने की वजह से दोनों साथ वक्त गुजारते हैं और ट्रिप के आखिर तक दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है, पर इजहार नहीं कर पाते। सिमरन कुलजीत के साथ शादी के लिए परिवार के साथ पंजाब आ जाती है। राज भी सिमरन को ढूंढते-ढूंढते पंजाब आ जाता है और सिमरन से प्यार का इजहार कर देता है। सिमरन की मां दोनों को भाग कर शादी करने को कह देती है, पर राज सिमरन के पिता की इजाजत के बिना शादी करने के लिए राजी नहीं होता। राज बलदेव और पूरे परिवार को प्रभावित करने की कोशिश करता है और अंत में बलदेव सिंह कहते हैं, 'जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी।'
20 अक्तूबर 1995 को रिलीज हुई "डीडीएलजे" को दर्शकों से भरपूर प्यार मिला। फिल्म न सिर्फ हिंदुस्तान में बल्कि विदेश में रह रहे भारतीयों को भी खूब पसंद आई। इस फिल्म से हिंदी सिनेमा को शाहरुख खान और काजोल के रूप में नई रोमांटिक जोड़ी मिल गई, जिसका जादू आज तक बना हुआ है। बहरहाल फिल्म ने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। मुंबई के मराठा मंदिर में यह फिल्म 1,000 हफ्ते तक चली। 10 फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाली डीडीएलजे सिर्फ चार करोड़ रुपये में बनी थी। 1995 में फिल्म ने कुल 102.50 करोड़ रुपये का बिजनेस किया, जिसमें 89 करोड़ रुपये की कमाई भारत से और 13.50 करोड़ रुपये की कमाई विदेश से हुई।
20 अक्तूबर 1995 को रिलीज हुई "डीडीएलजे" को दर्शकों से भरपूर प्यार मिला। फिल्म न सिर्फ हिंदुस्तान में बल्कि विदेश में रह रहे भारतीयों को भी खूब पसंद आई। इस फिल्म से हिंदी सिनेमा को शाहरुख खान और काजोल के रूप में नई रोमांटिक जोड़ी मिल गई, जिसका जादू आज तक बना हुआ है। बहरहाल फिल्म ने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। मुंबई के मराठा मंदिर में यह फिल्म 1,000 हफ्ते तक चली। 10 फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाली डीडीएलजे सिर्फ चार करोड़ रुपये में बनी थी। 1995 में फिल्म ने कुल 102.50 करोड़ रुपये का बिजनेस किया, जिसमें 89 करोड़ रुपये की कमाई भारत से और 13.50 करोड़ रुपये की कमाई विदेश से हुई।