मिथुन चक्रवर्ती के करियर में साल 1985 सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट रहा। यही वह साल है जब देश के एक बड़े तबके ने उन्हें हिंदी सिनेमा का अगला सुपरस्टार माना। सिर्फ डिस्को करने या मारधाड़ करने वाली छवि से आगे बढ़कर मिथुन ने इस साल ‘प्यार झुकता नहीं’, ‘गुलामी’ और ‘प्यारी बहना’ जैसी फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया। इसी साल मिथुन की एक और फिल्म रिलीज हुई ‘आंधी तूफान’। फिल्म के निर्देशक थे मिथुन को ‘डिस्को डांसर’ से बड़ा स्टार बनाने वाले बी सुभाष और निर्माता पहलाज निहलानी। शशि कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा, मिथुन चक्रवर्ती, मीनक्षी शेषाद्रि जैसे कलाकारों की इस फिल्म की करीब करीब पूरी वही कास्ट लेकर निहलानी ने एक और फिल्म शुरू की, ‘इल्जाम’। जी हां, गोविंदा को बॉक्स ऑफिस स्टार बना देने वाली फिल्म ‘इल्जाम’ मिथुन चक्रवर्ती को लेकर शुरू हुई फिल्म है, जिसे मिथुन ने शूटिंग शुरू होने के बाद छोड़ दिया था। जैसे अगर देव आनंद और राज कुमार ‘जंजीर’ न छोड़ते तो शायद हिंदी सिनेमा को इसका एंग्री यंगमैन न मिलता, वैसे ही डिस्को डांसर मिथुन अगर ‘इल्जाम’ न छोड़ते तो शायद हिंदी सिनेमा को इसका पहला स्ट्रीट डांसर न मिलता।
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