पेट्रोल का बूंद बूंद हिसाब
गुलशन ग्रोवर से जुड़ा यह किस्सा बहुत अनोखा है। अपने संघर्ष के दिनों में गुलशन ने एक गाड़ी खरीदी और उसमें नपा तुला पेट्रोल डलवाते थे। वह हर चीज का पूरा हिसाब लगाते थे कि वह एक दिन में कितनी पेट्रोल खर्च करेंगे और इससे कहां-कहां घूम लेंगे? एक दिन गुलशन के एक करीबी दोस्त अपनी प्रेमिका को घुमाने के लिए गुलशन से वह गाड़ी चाहते थे। लेकिन, गुलशन ने अपने दोस्त को गाड़ी नहीं दी। उनके दोस्त शशि रंजन ने खुद बताया कि उस दिन गुलशन ने उन्हें गाड़ी नहीं दी, उसका कारण यह था कि गुलशन को अगली ही सुबह एक मीटिंग में जाना था। और आदत अनुसार गुलशन ने अपनी गाड़ी में पेट्रोल उतना ही डलवाया था जितना वह मीटिंग तक जा सकते थे। अगर वह अपने दोस्त को गाड़ी दे देते तो सुबह होने वाली उनकी मीटिंग रद्द हो जाती।
गुलशन ग्रोवर से जुड़ा यह किस्सा बहुत अनोखा है। अपने संघर्ष के दिनों में गुलशन ने एक गाड़ी खरीदी और उसमें नपा तुला पेट्रोल डलवाते थे। वह हर चीज का पूरा हिसाब लगाते थे कि वह एक दिन में कितनी पेट्रोल खर्च करेंगे और इससे कहां-कहां घूम लेंगे? एक दिन गुलशन के एक करीबी दोस्त अपनी प्रेमिका को घुमाने के लिए गुलशन से वह गाड़ी चाहते थे। लेकिन, गुलशन ने अपने दोस्त को गाड़ी नहीं दी। उनके दोस्त शशि रंजन ने खुद बताया कि उस दिन गुलशन ने उन्हें गाड़ी नहीं दी, उसका कारण यह था कि गुलशन को अगली ही सुबह एक मीटिंग में जाना था। और आदत अनुसार गुलशन ने अपनी गाड़ी में पेट्रोल उतना ही डलवाया था जितना वह मीटिंग तक जा सकते थे। अगर वह अपने दोस्त को गाड़ी दे देते तो सुबह होने वाली उनकी मीटिंग रद्द हो जाती।