आपके सपने सच करने में माता-पिता की भूमिका भी रही ही होगी, कितने सख्त थे आपके माता पिता?
हम पिटे बहुत हैं। मतलब दिन भर में कुछ भी हो, एक दो तो पड़ना ही है। घर में मैं और मेरे बड़े भाई हम दो ही बच्चे थे। भाई तो बहुत पढ़ाकू किस्म के थे और मैं तो उनकी 30 पर्सेंट भी होती तो बहुत खुश होती थी। मैं ज्यादा पढ़ती लिखती नहीं थी। पढ़ाई में मैं सिर्फ पास भी हो जाती थी तो भी मेरी मां और पिता बहुत खुश होते थे। फिर भी बोलते थे कि थोड़ा तो पढ़ो। कम से कम इसके जैसा तो पढ़ो। मेरी मां मुझे थोड़ा ज्यादा मारती थीं।