संजय सिंह ने बताया है कि पिछले साल फरवरी में अचानक निशि को घर में ही लकवा मार गया और वह जमीन पर गिर गईं। उन्हें फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया और वहां उनका सात से आठ दिन तक इलाज चला। वह समय ऐसा था जब निशि ने किसी को पहचानने से भी इंकार कर दिया था। संजय बताते हैं कि जब वह थोड़ा ठीक महसूस करने लगीं तो उन्हें घर लाया गया। वह ठीक भी हो चली थीं लेकिन इस साल रक्षाबंधन के आसपास उन्हें फिर से लकवे ने घेरा और इसके बाद उनकी बायीं तरफ की देह ने काम करना बंद कर दिया। अब उन्हें हर एक काम करने के लिए किसी सहायक की जरूरत पड़ती है।