माला सिन्हा
यश चोपड़ा ने 1959 में आई फिल्म 'धूल का फूल' में पहली बार फिल्म निर्देशन की बागडोर संभाली। फिल्म की मुख्य अभिनेत्री माला सिन्हा का मीना खोसला के रूप में किरदार बहुत चुनौतीपूर्ण रहा। मीना महेश से प्रेम करती है। ये दोनों एक दिन अचानक आगे बढ़ते हैं और मीना गर्भवती हो जाती है। दूसरी तरफ महेश अपने घरवालों के दबाव में आकर मालती राय से शादी कर लेता है। इधर, मीना अपने बच्चे को जन्म देती है, इस वजह से उसके परिवारजन उसे अपने घर से निकाल देते हैं। अब यह बिन ब्याही मां किस तरह अपने बच्चे के साथ उस समय में गुजारा करती है जब इस तरह के काम समाज में पाप समझे जाते थे? लेकिन, माला सिन्हा ने इस किरदार को बहुत ही शानदार तरीके से निभाया है। इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामित भी किया गया। इस फिल्म के बाद माला सिन्हा ने यश चोपड़ा के साथ उनकी अगली फिल्म 'धर्मपुत्र' में भी मुख्य भूमिका निभाई।
यश चोपड़ा ने 1959 में आई फिल्म 'धूल का फूल' में पहली बार फिल्म निर्देशन की बागडोर संभाली। फिल्म की मुख्य अभिनेत्री माला सिन्हा का मीना खोसला के रूप में किरदार बहुत चुनौतीपूर्ण रहा। मीना महेश से प्रेम करती है। ये दोनों एक दिन अचानक आगे बढ़ते हैं और मीना गर्भवती हो जाती है। दूसरी तरफ महेश अपने घरवालों के दबाव में आकर मालती राय से शादी कर लेता है। इधर, मीना अपने बच्चे को जन्म देती है, इस वजह से उसके परिवारजन उसे अपने घर से निकाल देते हैं। अब यह बिन ब्याही मां किस तरह अपने बच्चे के साथ उस समय में गुजारा करती है जब इस तरह के काम समाज में पाप समझे जाते थे? लेकिन, माला सिन्हा ने इस किरदार को बहुत ही शानदार तरीके से निभाया है। इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामित भी किया गया। इस फिल्म के बाद माला सिन्हा ने यश चोपड़ा के साथ उनकी अगली फिल्म 'धर्मपुत्र' में भी मुख्य भूमिका निभाई।