ऋषि कपूर की आवाज शैलेंद्र सिंह
किस्सा आगे बढ़ाते हैं, उससे पहले जरा फिल्म ‘बॉबी’ से लॉन्च हुए सिंगर शैलेंद्र सिंह से आपकी मुलाकात कराते चलते हैं। पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में एक्टिंग की पढ़ाई करते करते वह फिल्म ‘बॉबी’ में ऋषि कपूर की आवाज बन गए थे। उनको खुद इस बात का एहसास नहीं था कि उनके साथ क्या हो रहा है। लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने उनका ऑडीशन लिया तो गाना उन्होंने सुनाया था आर डी बर्मन का, ‘देखा ना हाय रे सोचा ना हाय रे, रख दी निशाने पे जां....।’ राज कपूर ने आवाज सुनी तो मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, मुकेश सब एक तरफ और शैलेंद्र सिंह की आवाज एक तरफ। शैलेंद्र सिंह और ऋषि कपूर की पहली मुलाकात फिल्म के गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान ही हुई। ‘मैं उस दिन ‘मैं शायर तो नहीं’ रिकॉर्ड कर रह था और वहां एक गोरा चिट्टा सा लड़का खड़ा होकर मेरी रिकॉर्डिंग ध्यान से सुन रहा था। गाना खत्म हुआ। मैं बाहर निकला तो उसने हाथ आगे करते हुए कहा। मेरा नाम ऋषि कपूर है और मैं इस फिल्म का हीरो हूं।’ शैलेंद्र सिंह बताते हैं। शैलेंद्र सिंह ने खेल खेल में ही पुणे में एक्टिंग सीखने के साथ संगीत सीखना शुरू किया था। वीकएंड पर अक्सर मुंबई आ जाते थे, फिल्मों में अपने परिचितों से मिलने और राजश्री पिक्चर्स में अपने एक परिचित के जरिए ही वह राज कपूर तक पहुंचे थे।
किस्सा आगे बढ़ाते हैं, उससे पहले जरा फिल्म ‘बॉबी’ से लॉन्च हुए सिंगर शैलेंद्र सिंह से आपकी मुलाकात कराते चलते हैं। पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में एक्टिंग की पढ़ाई करते करते वह फिल्म ‘बॉबी’ में ऋषि कपूर की आवाज बन गए थे। उनको खुद इस बात का एहसास नहीं था कि उनके साथ क्या हो रहा है। लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने उनका ऑडीशन लिया तो गाना उन्होंने सुनाया था आर डी बर्मन का, ‘देखा ना हाय रे सोचा ना हाय रे, रख दी निशाने पे जां....।’ राज कपूर ने आवाज सुनी तो मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, मुकेश सब एक तरफ और शैलेंद्र सिंह की आवाज एक तरफ। शैलेंद्र सिंह और ऋषि कपूर की पहली मुलाकात फिल्म के गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान ही हुई। ‘मैं उस दिन ‘मैं शायर तो नहीं’ रिकॉर्ड कर रह था और वहां एक गोरा चिट्टा सा लड़का खड़ा होकर मेरी रिकॉर्डिंग ध्यान से सुन रहा था। गाना खत्म हुआ। मैं बाहर निकला तो उसने हाथ आगे करते हुए कहा। मेरा नाम ऋषि कपूर है और मैं इस फिल्म का हीरो हूं।’ शैलेंद्र सिंह बताते हैं। शैलेंद्र सिंह ने खेल खेल में ही पुणे में एक्टिंग सीखने के साथ संगीत सीखना शुरू किया था। वीकएंड पर अक्सर मुंबई आ जाते थे, फिल्मों में अपने परिचितों से मिलने और राजश्री पिक्चर्स में अपने एक परिचित के जरिए ही वह राज कपूर तक पहुंचे थे।