रामलीला के पहले दिन मंचन की शुरुआत भगवान गणेश के जन्म से हुई। कलाकारों ने मंच पर दिखाया कि माता पार्वती ने अपने शरीर पर हल्दी का उबटन लगाती हैं और फिर उसे निकाल कर एक पुतला बना देती हैं। बाद में पुतले में प्राण डाल देती हैं। पुतले के सजीव होने के बाद माता पार्वती उसका नाम गणेश रखती हैं। इसके बाद कलाकारों ने नारद मोह का मंचन किया। नारद मोह के बाद रावण जन्म, अत्याचार और पृथ्वी पुकार का मंचन किया गया।