लॉकडाउन की वजह से उद्योग की गति थम गई। काम बंद हो गए, खाने के लाले पड़ने लगे, ऐसी स्थिति में प्रवासी श्रमिक अपने-अपने घरों को लौटने के लिए मजबूर हो गए थे। कुछ लोग हजारों किलोमीटर पैदल चले, कुछ ने साइकिल या रिक्शे से यात्रा पूरी की। कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडान के बीच गर्मी, भूख-प्यास और थकान के बावजूद पैदल चलते प्रवासी मजदूरों की तस्वीरें देख दिल दहल उठता था। पंडाल में लगी मूर्तियां प्रवासी मजदूरों के उसी बुरे वक्त की याद दिलाती हैं। ये तस्वीरें उसी दर्द को बयां करती हैं। बता दें कि देश भर में लगभग हर बड़े शहर से प्रवासी मजदूर अपने अपने घरों को लौटने के लिए सड़कों पर आ गए थे। इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों को पैदल चलता देख रेलवे ने उनके लिए श्रमिक विशेष ट्रेनें चलवाईं थीं ताकि सभी को सुरक्षित घर पहुंचाया जा सके।