पहली ही फिल्म अनारकली ऑफ आरा से समीक्षकों और दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींचने वाले लेखक-निर्देशक अविनाश दास की सीरीज ‘शी’ का प्रसारण आज से नेटफ्लिक्स पर हो रहा है। इम्तियाज अली रचित इस सीरीज की चुनौतियों और इसके कथानक पर अविनाश से पंकज शुक्ल ने ये खास बातचीत की।
डिजिटल पर आपकी ये पहली वेब सीरीज है, इससे पहले डिजिटल के लिए आप कुछ गाने भी बना चुके हैं, सृजन का ये कदम वाकई कितना सृजनात्मक है?
किसी भी निर्देशक या लेखक की सोच किसी दायरे में कैद नहीं हो सकती। वह जब सोचता है तो अपने किरदारों को स्वतंत्र छोड़ देता है और किरदारों की इस आजादी से ही कहानी का जन्म होता है। ‘शी’ की कहानी इसके रचयिता इम्तियाज अली की है। रूमानी फिल्मों के एक चितेरे ने अपराध की दुनिया का ये नया कैनवास डिजिटल के लिए रचा है। हमने उनकी कल्पना को परदे पर साकार करने की कोशिश की है और ये वाकई काफी सृजनात्मक भी है और संतुष्टिदायक भी।
डिजिटल पर आपकी ये पहली वेब सीरीज है, इससे पहले डिजिटल के लिए आप कुछ गाने भी बना चुके हैं, सृजन का ये कदम वाकई कितना सृजनात्मक है?
किसी भी निर्देशक या लेखक की सोच किसी दायरे में कैद नहीं हो सकती। वह जब सोचता है तो अपने किरदारों को स्वतंत्र छोड़ देता है और किरदारों की इस आजादी से ही कहानी का जन्म होता है। ‘शी’ की कहानी इसके रचयिता इम्तियाज अली की है। रूमानी फिल्मों के एक चितेरे ने अपराध की दुनिया का ये नया कैनवास डिजिटल के लिए रचा है। हमने उनकी कल्पना को परदे पर साकार करने की कोशिश की है और ये वाकई काफी सृजनात्मक भी है और संतुष्टिदायक भी।