उसने हमारी 6 एफएफ की चौकियों पर बहादुरी और हिम्मत से थोड़े से सैनिकों के साथ अंदर घुसकर घातक वार किया और अंत में लड़ता हुआ शहीद हो गया। जनरल मुकीम खान ने पुस्तक में फाजिलका की लड़ाई का जिक्र करते हुए लिखा है कि शहीद मेजर नारायण सिंह ने मेजर शब्बीर शरीफ (पाकिस्तान के हाल में सेवानिवृत्त जनरल राहील शरीफ के बड़े भाई) जो उस समय 6 एफएफ की कमान संभाले थे, उन्हें पांच दिसंबर 1971 में गुत्थम गुत्था की लड़ाई में मार गिराया था।