यह वर्ष किसी के लिए भी आसान नहीं रहा है। सभी लोग कोरोना के कारण बहुत परेशान रहे हैं। जिन लोगों को खुद को कोरोना हुआ या घर के किसी सदस्य को कोरोना हुआ है, उनके लिए तो चिंता का अंबार था ही लेकिन जिन्हें कोरोना नहीं भी हुआ वे भय से इस तरह ग्रस्त हो गए कि अवसाद का शिकार हो गए। एक महीने में सभी के जीवन में कुछ दिन ऐसे आ रहे हैं जब इंसान चिढ़चिढ़ करने लगता है। यह चिंता और डर आगे चलकर अवसाद का रूप ले लेता है। इस अस्थायी अवसाद के हम सभी आदि हुए जा रहे हैं। कुछ भी अच्छा न लगना, किसी काम में मन नहीं लगना, किसी से बात न करने का दिल करना, हताशा महसूस होना आदि इस तरह के मौसमी अवसाद के आम लक्षण है। यदि यह अवसाद किसी की आदत बन जाता है तो आगे चलकर यह बहुत समस्याएं खड़ी कर सकता है। अगली स्लाइड्स से जानिए इस तरह के अवसाद से बाहर आने के कारगर तरीके।