आने वाले समय में भारत में कोरोना के दुष्प्रभाव और भी भयानक हो सकते हैं। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि नवंबर में उत्तरी गोलार्ध में फ्लू की शुरूआत हो जाती है। गौरतलब है कि भारत भी उत्तरी गोलार्ध का ही हिस्सा है। ऐसे में यदि फ्लू और कोरोना का टकराव हुआ तो यह किसी विस्फोट से कम नहीं होगा। नवंबर से फैलने वाला फ्लू फरवरी तक गोलार्ध में बना रहता है। चीन और अमेरिका में तो अबतक ऐसे कुछ मामले भी सामने आए हैं जिसमें मरीज एकसाथ कोरोना और इंफ्लूएंजा वायरस से होने वाले ‘फ्लू’ का शिकार हुए हैं। अगली स्लाइड्स से जानते हैं इन दोनों वायरस के टकराने से इंसान पर किस तरह पड़ेगा प्रभाव।