हिमाचल प्रदेश का अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा देव संस्कृति का अनूठा महासंगम है। दशहरा उत्सव के रूप में इसकी पहचान देश-विदेश में है। उत्सव में सैकड़ों देवी-देवता शामिल होते हैं। इस बार 25 अक्तूबर को शुरू हुए सात दिवसीय कुल्लू दशहरे में इतिहास में पहली बार कोरोना के चलते भगवान रघुनाथ की रथयात्रा में मात्र आठ देवी-देवता और 200 देवलुओं, कारकूनों और राज परिवार के सदस्यों ने भाग लिया। लेकिन कुल्लू में दशहरा उत्सव की शुरुआत 16वीं सदी में तत्कालीन राजा जगत सिंह के समय में हुई थी।