शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त
विजयादशमी सर्वसिद्धिदायक तिथि है इसलिए इस दिन को सभी शुभ कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस दिन बच्चों का अक्षर लेखन, दुकान या घर का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, अन्न प्राशन, नामकरण, कर्ण छेदन, यज्ञोपवीत संस्कार, भूमि पूजन आदि शुभ कार्य किए जा सकते हैं। परन्तु विजयादशमी के दिन विवाह संस्कार को निषेध माना गया है। मान्यता है कि इस दिन जो कार्य शुरू किया जाता है उसमें सफलता अवश्य मिलती है। यही वजह है कि प्राचीन काल में राजा इसी दिन विजय की कामना से रण यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं, रामलीला का आयोजन होता है और रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे बुराई के प्रतीक के रूप में जलाया जाता है।
विजयादशमी सर्वसिद्धिदायक तिथि है इसलिए इस दिन को सभी शुभ कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस दिन बच्चों का अक्षर लेखन, दुकान या घर का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, अन्न प्राशन, नामकरण, कर्ण छेदन, यज्ञोपवीत संस्कार, भूमि पूजन आदि शुभ कार्य किए जा सकते हैं। परन्तु विजयादशमी के दिन विवाह संस्कार को निषेध माना गया है। मान्यता है कि इस दिन जो कार्य शुरू किया जाता है उसमें सफलता अवश्य मिलती है। यही वजह है कि प्राचीन काल में राजा इसी दिन विजय की कामना से रण यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं, रामलीला का आयोजन होता है और रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे बुराई के प्रतीक के रूप में जलाया जाता है।