पापाकुंशा एकादशी एक हजार अश्वमेघ और सौ सूर्ययज्ञ करने के समान फल प्रदान करने वाली होती है। इस एकादशी व्रत के समान अन्य कोई व्रत नहीं है। इसके अतिरिक्त जो व्यक्ति इस एकादशी की रात्रि में जागरण करता है वह स्वर्ग का अधिकारी बनता है। इस एकादशी के दिन दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पद्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति सुवर्ण, तिल, भूमि, गौ, अन्न, जल, जूते और छाते का दान करता है, उसे यमराज के दर्शन नहीं होते।