आचार्य चाणक्य को समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र जैसे विषयों की गहरी समझ थी। वे अर्थशास्त्र के भी मर्मज्ञ थे। अर्थशास्त्र की रचना करने के कारण वे कौटिल्य कहलाए। चाणक्य को किताबी विषयों की गहरी समझ होने के साथ व्यव्हारिक जीवन का भी बहुत अनुभव था। इसलिए उनके द्वारा लिखे गए नीतिशास्त्र में बहुत ही महत्वपूर्ण बाते बताई गई हैं, जो मनुष्य के जीवन को बहुत करीब से प्रभावित करती हैं। आचार्य चाणक्य के द्वारा धन से जुड़ी महत्वपूर्ण नीतियों का भी उल्लेख किया गया है। हर व्यक्ति चाहता है कि वह सफल और धन वैभव से परिपूर्ण जीवन व्यतीत करे इसके लिए वह हर प्रकार से कोशिश भी करता है, लेकिन आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जीवन में यदि सफल और धनवान बनना है तो अपने अंदर से कुछ अवगुणों को दूर करना आवश्यक होता है।