अश्विन मास की पूर्णिमा को कई नामों से जाना जाता है। जिसमें आश्विन पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा और कौमुदी व्रत आदि के नामों से जाना जाता है। शरद पूर्णिमा बहुत ही महत्वपूर्ण होती है इस दिन चांद की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है। शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा पृथ्वी के बहुत ही करीब आ जाने के कारण यह बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस तिथि पर धन की देवी मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। दरअसल देवता और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी प्रगट हुई थीं जिस वजह से शरद पूर्णिमा की तिथि पर देवी लक्ष्मी की जयंती के रूप में मनाई जाती है।