शारदीय नवरात्रि के समापन के बाद दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। इस बार दशहरा 25 अक्तूबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध करके लंका पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए इस दिन को विजयदशमी भी कहते हैं। रावण बहुत ही ज्ञानी प्रकांड पंडित था। रावण ही इस समग्र संसार में ऐसा था, जिसमें त्रिकाल दर्शन की क्षमता थी। वह भगवान शिव का अनन्य भक्त था। किंतु उसके अहं के कारण उसकी मृत्यु हुआ। भगवान राम ने रावण का वध करके रामराज्य की स्थापना की। जिसके उपलक्ष्य में दशहरा मनाते हैं, इस समय रावण दहन किया जाता है हर जगह रावण के पुतले में हमेशा दस सिर बनाए जाते हैं। इन्हीं दस सिरो के कारण ही उसे दशानन कहा जाता है। चलिए जानते हैं कि क्या सचमुच रावण दस सिरो वाला था।