बलिया जिले के ऐतिहासिक ददरी मेला के नंदी ग्राम में काजू, किसमिस, सेव और केला खाने वाली पांच लाख् की भैंस के बाद शनिवार को बाइस लाख का भैंसा भी आ गया। अब तक आने वाले पशुओं में सबसे अलग बिक्री के लिए आया भैसा पशु चारा के साथ-साथ मक्के का भात भी खाता है। इतना ही नहीं भैंसा पालक इसके सिमन्स का कारोबार भी करता है और एक भैंस को गर्भवती करने के एवज में पांच रुपये लेता है।
यहीं कारण है कि इस भैंसे के ख्याति तमाम गांवों में पसरी है और दूर दराज के लोग अपनी भैंस को गर्भ दिलाने के लिए भैंसे के पास जाते है। ददरी मेला के नंदी ग्राम में शनिवार को पशु व्यापारियों और लोगों के आर्कषण का केंद्र रहा।
यहीं कारण है कि इस भैंसे के ख्याति तमाम गांवों में पसरी है और दूर दराज के लोग अपनी भैंस को गर्भ दिलाने के लिए भैंसे के पास जाते है। ददरी मेला के नंदी ग्राम में शनिवार को पशु व्यापारियों और लोगों के आर्कषण का केंद्र रहा।