1857 की क्रांति का केंद्र रहे मेरठ में आज भी 1500 से अधिक अंग्रेजों की कब्रें मौजूद हैं। इन कब्रों में 10 मई 1857 के विद्रोह में मारे गए पहले अंग्रेज सिपाही की कब्र भी मौजूद हैं। जॉन फिनिस नामक यह अंग्रेज 11वीं सेना का सेनानायक था। 1857 में जब सिपाहियों को चर्बी लगे कारतूसों को मुंह से खोलने का आदेश दिया गया तो जॉन फिनिस सैनिकों पर कारतूस चलाने का दबाव बनाने लगा। उसकी अपनी 11वीं पैदल सेना के सिपाहियों ने यह हुक्म मान लिया। लेकिन 20वीं पैदल सेना के सिपाहियों ने इंकार कर दिया था।