बलिया में छठ पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। परिवार में सुख शांति और संपन्नता के लिए महिलाओं ने शुक्रवार को निर्जला व्रत रखा। शाम को स्नान के बाद शृंगार कर पारंपरिक गीत ‘कांच ही बांस के बहंगियां, बहंगी लचकत जाए’ गाती हुई तालाब, सरोवर, गंगा, सरयू, तमसा और मगई नदी के तटों पर प्रस्थान किया। व्रती महिलाओं ने तालाब, सरोवर, नदी आदि में पूजन किया। इसके बाद अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। अगली स्लाइड में भी देखें...