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ग्रीन गोशाला और अन्य योजनाओं पर केंद्र सरकार हिमाचल की मदद करेगा। केंद्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने मुख्यमंत्री को राज्य में ग्रीन गोशाला योजना के लिए ऊर्जा उपकरण विनिर्माण हब की स्थापना करने और दूरदराज के क्षेत्रों से बिजली की निकासी के लिए हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार से पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन को राज्य के स्पीति क्षेत्र और चिनाब बेसिन से बिजली की निकासी के लिए प्रभावी योजना बनाने का आग्रह किया।
यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शुक्रवार को तीसरी ग्लोबल नवीकरण ऊर्जा निवेश बैठक और एक्सपो, पुनर्निवेश 2020 में मुख्यमंत्रियों के प्लेनरी सेशन के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के चिनाब बेसिन और स्पीति क्षेत्र में 6000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता चिन्हित की गई है। स्पीति क्षेत्र में 880 मेगावाट के मेगा सौर पार्क के विकास का कार्य एसजेवीएनएल को आवंटित किया गया है।
इन दोनों क्षेत्रों में बिजली की निकासी के लिए प्रभावी योजना तैयार करने की जरूरत है। राज्य के लोगों को जंगलों में चीड़ की पत्तियां और लैंटाना के रूप में प्रति वर्ष लाखों टन जैव ईंधन उपलब्ध होता है। बिजली उत्पादन के लिए उपलब्ध क्षमता का दोहन को राज्य सरकार ने ‘पाइन नीडल बेस्ड ब्रीकेट’ का आरंभ किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में नई जलविद्युत नीति-2019 लाई गई है। कुछ बिंदुओं पर अभी अधिसूचना जारी होनी है।
जयराम ठाकुर ने आरके सिंह से प्रदेश के लिए ऊर्जा उपकरण विनिर्माण हब स्वीकृत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार निर्माताओं को अन्य जन उपयोगी सेवाओं के अलावा आकर्षक दरों पर बिजली देगी। ठाकुर ने कहा कि पांगी घाटी एक ऐसा क्षेत्र है, जहां ग्रिड कनेक्टीविटी नहीं है। स्थानीय स्तर पर लाइनें बिछाकर ऊर्जा वितरित की जा रही है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से आग्रह किया कि सभी परिवारों को यह सुविधा प्रदान करने में राज्य सरकार का सहयोग करें।
ग्रीन गोशाला और अन्य योजनाओं पर केंद्र सरकार हिमाचल की मदद करेगा। केंद्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने मुख्यमंत्री को राज्य में ग्रीन गोशाला योजना के लिए ऊर्जा उपकरण विनिर्माण हब की स्थापना करने और दूरदराज के क्षेत्रों से बिजली की निकासी के लिए हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार से पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन को राज्य के स्पीति क्षेत्र और चिनाब बेसिन से बिजली की निकासी के लिए प्रभावी योजना बनाने का आग्रह किया।
यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शुक्रवार को तीसरी ग्लोबल नवीकरण ऊर्जा निवेश बैठक और एक्सपो, पुनर्निवेश 2020 में मुख्यमंत्रियों के प्लेनरी सेशन के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के चिनाब बेसिन और स्पीति क्षेत्र में 6000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता चिन्हित की गई है। स्पीति क्षेत्र में 880 मेगावाट के मेगा सौर पार्क के विकास का कार्य एसजेवीएनएल को आवंटित किया गया है।
इन दोनों क्षेत्रों में बिजली की निकासी के लिए प्रभावी योजना तैयार करने की जरूरत है। राज्य के लोगों को जंगलों में चीड़ की पत्तियां और लैंटाना के रूप में प्रति वर्ष लाखों टन जैव ईंधन उपलब्ध होता है। बिजली उत्पादन के लिए उपलब्ध क्षमता का दोहन को राज्य सरकार ने ‘पाइन नीडल बेस्ड ब्रीकेट’ का आरंभ किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में नई जलविद्युत नीति-2019 लाई गई है। कुछ बिंदुओं पर अभी अधिसूचना जारी होनी है।
जयराम ठाकुर ने आरके सिंह से प्रदेश के लिए ऊर्जा उपकरण विनिर्माण हब स्वीकृत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार निर्माताओं को अन्य जन उपयोगी सेवाओं के अलावा आकर्षक दरों पर बिजली देगी। ठाकुर ने कहा कि पांगी घाटी एक ऐसा क्षेत्र है, जहां ग्रिड कनेक्टीविटी नहीं है। स्थानीय स्तर पर लाइनें बिछाकर ऊर्जा वितरित की जा रही है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से आग्रह किया कि सभी परिवारों को यह सुविधा प्रदान करने में राज्य सरकार का सहयोग करें।