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आईजीएमसी के न्यू ओपीडी ब्लॉक में लगाए बिस्तर, कोविड मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद की व्यवस्था
संवाद न्यूज एजेंसी
शिमला। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए 30 अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की है। अस्पताल के न्यू ओपीडी ब्लॉक में इसके लिए जगह चयनित की है। यहां स्थित कोरोना संदिग्ध वार्ड को मेडिसिन वार्ड में शिफ्ट किया है। प्रदेशभर से बढ़ते कोरोना के रोगियों की सुविधा के मद्देनजर आईजीएमसी ने यह फैसला लिया है।
मौजूदा समय में आइसोलेशन वार्ड भरा पड़ा है। ऐसे में प्रदेशभर के कोरोना संक्रमित रोगियों को किसी भी तरह की परेशानी पेश न आए इसलिए यह फैसला लिया है। अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ने के बाद अब कुल संख्या डेढ़ सौ पहुंच गई है। शिमला के अलावा सोलन, बिलासपुर, नाहन और मंडी से भी कई गंभीर मरीज इलाज के लिए अस्पताल आते हैं। लेकिन बिस्तरों की कम संख्या होने के चलते मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लिहाजा जब तक मेक शिफ्ट अस्पताल नहीं बन जाता है तब तक यहां पर मरीजों के लिए व्यवस्था रहेगी। इसके बाद संख्या और बढ़ जाएंगी।
आईजीएमसी के कॉलेज प्राचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ा दी है। अस्पताल में 30 अतिरिक्त बिस्तर लगाए हैं ताकि इलाज करवाने आने वाले मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
आईजीएमसी के न्यू ओपीडी ब्लॉक में लगाए बिस्तर, कोविड मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद की व्यवस्था
संवाद न्यूज एजेंसी
शिमला। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए 30 अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की है। अस्पताल के न्यू ओपीडी ब्लॉक में इसके लिए जगह चयनित की है। यहां स्थित कोरोना संदिग्ध वार्ड को मेडिसिन वार्ड में शिफ्ट किया है। प्रदेशभर से बढ़ते कोरोना के रोगियों की सुविधा के मद्देनजर आईजीएमसी ने यह फैसला लिया है।
मौजूदा समय में आइसोलेशन वार्ड भरा पड़ा है। ऐसे में प्रदेशभर के कोरोना संक्रमित रोगियों को किसी भी तरह की परेशानी पेश न आए इसलिए यह फैसला लिया है। अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ने के बाद अब कुल संख्या डेढ़ सौ पहुंच गई है। शिमला के अलावा सोलन, बिलासपुर, नाहन और मंडी से भी कई गंभीर मरीज इलाज के लिए अस्पताल आते हैं। लेकिन बिस्तरों की कम संख्या होने के चलते मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लिहाजा जब तक मेक शिफ्ट अस्पताल नहीं बन जाता है तब तक यहां पर मरीजों के लिए व्यवस्था रहेगी। इसके बाद संख्या और बढ़ जाएंगी।
आईजीएमसी के कॉलेज प्राचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ा दी है। अस्पताल में 30 अतिरिक्त बिस्तर लगाए हैं ताकि इलाज करवाने आने वाले मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े।