पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कहा कि सरकार अस्पतालों के सभी कोविड वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाए, जिससे लाइव रिकार्डिंग से परिवार के सदस्य मरीज को देख सकें। कहा कि कोविड वार्डों में मरीजों का सही इलाज हो रहा है या नहीं, यह उनके तीमारदारों को भी नहीं पता। अब तो यह हालत है कि दो दिन पहले स्वस्थ मिलने वाले व्यक्ति का बाद में पता चलता है कि कोरोना से उसकी मौत हो गई।
अब तो हालात यह हो गए हैं कि अब हम सब खतरे में हैं। पत्रकार वार्ता में बाली ने कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामले पर चिंता जताई। कहा कि स्वास्थ्य विभाग डगमगा गया है। गरीब लोगों को उपचार के लिए निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। अस्पतालों में न तो वेंटिलेटर युक्त बेड और न ही ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा है। कोविड अस्पताल धर्मशाला में ही सौ से अधिक रोगी टांडा शिफ्ट होने के लिए वेटिंग में हैं। टांडा में पहले ही बेड फुल हैं।
कहा कि वरिष्ठ डॉक्टर कोरोना मरीजों का चेकअप करने से कतरा रहे हैं। सरकार के मंत्री और सांसद भी डॉक्टरों के नकारात्मक रवैये की शिकायत सीएम से कर चुके हैं। आंखों और हड्डियों के रोगियों को भी कोरोना टेस्ट करवाने को बाध्य किया जा रहा है। बाली ने सरकार के निजी बसों में पचास फीसदी सवारियां ढोने के फरमान को भी मजाक बताया। कहा कि निजी बसों में सवारियां ठूंस-ठूंस कर भरी जा रही हैं। पूछने वाला कोई नहीं है। सरकार जो फैसले सुबह ले रही है, शाम होते इन्हें पलट दिया जा रहा है।
पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कहा कि सरकार अस्पतालों के सभी कोविड वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाए, जिससे लाइव रिकार्डिंग से परिवार के सदस्य मरीज को देख सकें। कहा कि कोविड वार्डों में मरीजों का सही इलाज हो रहा है या नहीं, यह उनके तीमारदारों को भी नहीं पता। अब तो यह हालत है कि दो दिन पहले स्वस्थ मिलने वाले व्यक्ति का बाद में पता चलता है कि कोरोना से उसकी मौत हो गई।
अब तो हालात यह हो गए हैं कि अब हम सब खतरे में हैं। पत्रकार वार्ता में बाली ने कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामले पर चिंता जताई। कहा कि स्वास्थ्य विभाग डगमगा गया है। गरीब लोगों को उपचार के लिए निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। अस्पतालों में न तो वेंटिलेटर युक्त बेड और न ही ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा है। कोविड अस्पताल धर्मशाला में ही सौ से अधिक रोगी टांडा शिफ्ट होने के लिए वेटिंग में हैं। टांडा में पहले ही बेड फुल हैं।
कहा कि वरिष्ठ डॉक्टर कोरोना मरीजों का चेकअप करने से कतरा रहे हैं। सरकार के मंत्री और सांसद भी डॉक्टरों के नकारात्मक रवैये की शिकायत सीएम से कर चुके हैं। आंखों और हड्डियों के रोगियों को भी कोरोना टेस्ट करवाने को बाध्य किया जा रहा है। बाली ने सरकार के निजी बसों में पचास फीसदी सवारियां ढोने के फरमान को भी मजाक बताया। कहा कि निजी बसों में सवारियां ठूंस-ठूंस कर भरी जा रही हैं। पूछने वाला कोई नहीं है। सरकार जो फैसले सुबह ले रही है, शाम होते इन्हें पलट दिया जा रहा है।