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नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा कि सारा प्रदेश जानता है कि जयराम ठाकुर को किस मजबूरी में मुख्यमंत्री बनाया गया। जयराम खुद राजनीतिक दुर्घटना में कुर्सी पर पहुंचे हैं, वह मुझ पर क्या उंगली उठाएंगे। उन्होंने कहा रोज निर्णय लेकर पलटने वाले मुख्यमंत्री अपनी लगातार फजीहत करवा रहे हैं।
मुख्यमंत्री हर रोज कुर्सी बचाने के लिए दिल्ली की परिक्रमा करते हैं। आज कोविड को लेकर जो हालात बिगड़े हैं, उसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेवार हैं। वे हमें कोसने की बजाय सार्वजनिक माफी मांगे। जयराम पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनको भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के मंच पर बोलने नहीं दिया गया। इनका केंद्रीय मंत्री इन्हें काम करने की आदत डालने की नसीहत दे गया।
उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा वह उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। बेहतर रहेगा प्रदेश को संकट से बचाने के नजरिये से काम करें। हालांकि यह स्पष्ट हो चुका है कि यह उनके बस की बात नहीं है। मुख्यमंत्री बीते तीन साल से उन्हें नेता प्रतिपक्ष से हटाने के ख्वाब देख रहे हैं। उन्हें पद पर कांग्रेस हाईकमान और कांग्रेस विधायकों ने बैठाया और प्रदेश विरोधी निर्णयों पर आवाज उठाई जाती रहेगी।
यहां आपकी थाली लेकर पूजा-अर्चना नहीं की जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा विधानसभा सत्र की अधिसूचना किस ने जारी करवाई और फिर रद्द किसने करवाई। पहले मंत्रिमंडल में सत्र का निर्णय लिया। राज्यपाल से मंजूर करवाया। विधानसभा से अधिसूचित करवाया, एजेंडा लग गया। उसके बाद ये भाग गए।
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री मात्र सुर्खियों में बने रहने के लिए सरकार पर छींटाकशी करते रहते हैं। कांग्रेस में सभी नेता अपने को बड़ा नेता बनाने में लगे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और कुछ नेता अलग अपनी खिचड़ी पका रहे हैं तो मुकेश अग्निहोत्री अपनी अलग बैठकें कर रहे हैं। सभी नेता अपने को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जगह स्थापित करने में लगे हुए हैं।
शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार ने जो जनहित में निर्णय लिया है, उस पर राजनीति कर कांग्रेस नेता जनता के प्रति अपनी संकीर्ण सोच को दर्शा रहे हैं। जनहित जयराम सरकार की प्राथमिकता है। जनहित और जनता के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए ही सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र को रद्द करने के अलावा रात्रि कर्फ्यू जैसे जरूरी फैसले लिए हैं। मुकेश अग्निहोत्री भले ही कुछ भी बयान देते रहे, लेकिन जनता अब कांग्रेस की गुमराह करने वाली नीतियों को भलीभांति समझ चुकी है।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा कि सारा प्रदेश जानता है कि जयराम ठाकुर को किस मजबूरी में मुख्यमंत्री बनाया गया। जयराम खुद राजनीतिक दुर्घटना में कुर्सी पर पहुंचे हैं, वह मुझ पर क्या उंगली उठाएंगे। उन्होंने कहा रोज निर्णय लेकर पलटने वाले मुख्यमंत्री अपनी लगातार फजीहत करवा रहे हैं।
मुख्यमंत्री हर रोज कुर्सी बचाने के लिए दिल्ली की परिक्रमा करते हैं। आज कोविड को लेकर जो हालात बिगड़े हैं, उसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेवार हैं। वे हमें कोसने की बजाय सार्वजनिक माफी मांगे। जयराम पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनको भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के मंच पर बोलने नहीं दिया गया। इनका केंद्रीय मंत्री इन्हें काम करने की आदत डालने की नसीहत दे गया।
उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा वह उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। बेहतर रहेगा प्रदेश को संकट से बचाने के नजरिये से काम करें। हालांकि यह स्पष्ट हो चुका है कि यह उनके बस की बात नहीं है। मुख्यमंत्री बीते तीन साल से उन्हें नेता प्रतिपक्ष से हटाने के ख्वाब देख रहे हैं। उन्हें पद पर कांग्रेस हाईकमान और कांग्रेस विधायकों ने बैठाया और प्रदेश विरोधी निर्णयों पर आवाज उठाई जाती रहेगी।
यहां आपकी थाली लेकर पूजा-अर्चना नहीं की जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा विधानसभा सत्र की अधिसूचना किस ने जारी करवाई और फिर रद्द किसने करवाई। पहले मंत्रिमंडल में सत्र का निर्णय लिया। राज्यपाल से मंजूर करवाया। विधानसभा से अधिसूचित करवाया, एजेंडा लग गया। उसके बाद ये भाग गए।
सुर्खियां बटोरने के लिए बयानबाजी करते हैं अग्निहोत्री : बिक्रम
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री मात्र सुर्खियों में बने रहने के लिए सरकार पर छींटाकशी करते रहते हैं। कांग्रेस में सभी नेता अपने को बड़ा नेता बनाने में लगे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और कुछ नेता अलग अपनी खिचड़ी पका रहे हैं तो मुकेश अग्निहोत्री अपनी अलग बैठकें कर रहे हैं। सभी नेता अपने को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जगह स्थापित करने में लगे हुए हैं।
शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार ने जो जनहित में निर्णय लिया है, उस पर राजनीति कर कांग्रेस नेता जनता के प्रति अपनी संकीर्ण सोच को दर्शा रहे हैं। जनहित जयराम सरकार की प्राथमिकता है। जनहित और जनता के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए ही सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र को रद्द करने के अलावा रात्रि कर्फ्यू जैसे जरूरी फैसले लिए हैं। मुकेश अग्निहोत्री भले ही कुछ भी बयान देते रहे, लेकिन जनता अब कांग्रेस की गुमराह करने वाली नीतियों को भलीभांति समझ चुकी है।