तुलसी विवाह आज, जानिए आपके आंगन की तुलसी कैसे दूर करती हैं सभी तरह के दोष
अनीता जैन, वास्तुविद
Updated Wed, 25 Nov 2020 11:20 AM IST
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तुलसी विवाह 2020: भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की कोई भी पूजा तुलसी दल के बिना पूरी नहीं मानी जाती है। वहीं हनुमान जी को भी भोग में तुलसी दल बहुत ही प्रिय होती है।
- फोटो : अमर उजाला
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Devuthani Ekadashi Tulsi Vivah 2020: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी के दिन श्री विष्णुरूप शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह संपन्न होता है। माना जाता है कि कार्तिक माह में तुलसी पूजन से जीवन में कई तरह के सकारात्मक बदलाव आते हैं और परेशानियां दूर होती हैं। भगवान नारायण की प्रिय तुलसी का पौधा प्रायः हर घर में होता है। इसे लगाना शास्त्रों में बेहद शुभ माना गया है। सभी धर्मग्रंथों में तुलसी के पौधे को मां लक्ष्मी का स्वरूप बताया गया है, यानी जहां पर तुलसी का पौधा होता है और उसकी पूजा-सेवा की जाती है, उस घर में लक्ष्मीजी की सदैव कृपा बनी रहती है। वास्तु के अनुसार घर में तुलसी का पौधा लगाने से वहां की नकारात्मकता दूर होती है और घर में सुख-शांति का माहौल बना रहता है। शास्त्रों में माना गया है कि रविवार, एकादशी और सूर्य व चंद्र ग्रहण के समय तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन तुलसी के पत्तों को भी नहीं तोड़ना चाहिए।
पद्मपुराण के अनुसार कलियुग में तुलसी का पूजन, कीर्तन, ध्यान, रोपण और धारण करने से वह समस्त पाप को जलाती है और स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करती है। यदि मंजरी युक्त तुलसी पत्रों के द्वारा भगवान श्री विष्णु की पूजा की जाए तो अनंत पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
जहां पर तुलसी लगी हुई होती है वहीं भगवान श्री कृष्ण की समीपता है तथा वहीं ब्रह्मा और लक्ष्मीजी भी सम्पूर्ण देवताओं के साथ विराजमान होते हैं। तुलसीजी के निकट जो स्रोत्र -मंत्र आदि का जप किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देने वाला होता है।
भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की कोई भी पूजा तुलसी दल के बिना पूरी नहीं मानी जाती है। वहीं हनुमान जी को भी भोग में तुलसी दल बहुत ही प्रिय होती है। पुराणों में बताया गया है मृत्यु के समय गंगाजल संग तुलसी के पत्ते लेने से आत्मा को शान्ति और स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
पूजा में कभी भी तुलसी के पत्ते और गंगाजल को बासी नहीं माना जाता। ये दोनों चीजें किसी भी परिस्थिति में बासी और अपवित्र नहीं मानी जाती। माना जाता है कि जिन घरों में रोजाना तुलसी की पूजा होती है वहां कभी यमदूत प्रवेश नहीं करते। इसके साथ ही घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है।
क्या है वैज्ञानिक महत्व
तुलसी के पौधे में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल व एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाते हैं। जहां तुलसी का पौधा लगा हुआ होता है वहां के आस-पास की हवा शुद्ध हो जाती है।
तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है और व्यक्ति की आयु बढ़ती है। संक्रामक रोगों से निपटने के लिए तुलसी बहुत कारगर उपाय है।
वास्तुदोष दूर करती है तुलसी
वास्तु की मान्यता के अनुसार जिन घरों में तुलसी का पौधा लगा हुआ होता है वहां पर वास्तु संबंधी दोष नहीं होता है। तुलसी का पौधा आने वाली विपत्ति के बारे में भी जानकारी देता है।घर में हरी-भरी तुलसी सुख,समृद्धि और सौभाग्य का सूचक है साथ ही ये परिवार की आर्थिक स्थिति के लिए भी शुभ माना जाता है वहीं तुलसी का अकारण ही सूख जाना भविष्य में आने वाली किसी परेशानी की ओर संकेत करती है।
वास्तु के अनुसार घर में तुलसी के पौधे के लिये उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। इन दिशाओं में तुलसी का पौधा लगाना घर में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाला होता है।
तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए, इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
तुलसी को घर में लगाने से कई सारे फायदे होते हैं। माना जाता है कि इससे पारिवारिक कलह कम होती है। धन लाभ के लिए सुबह उठकर तुलसी के ग्यारह पत्ते तोड़ लें। इन पत्तों को तोड़ने से पहले तुलसी मां से हाथ जोड़कर क्षमा मांग लें और इसके बाद ही इन्हें तोड़ें।
तुलसी पत्तों को घर के उस बर्तन में डाल दें जहां आप आटा रखते हैं। इस आटे का प्रयोग करने से कुछ ही दिनों में आपको घर में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगेगा।
नौकरी व कारोबार में तरक्की के लिए गुरुवार को तुलसी का पौधा पीले कपड़े में बांधकर, ऑफिस या दुकान में रखें। ऐसा करने से कारोबार बढ़ेगा और नौकरी में प्रमोशन भी हो जाएगा।
सार
तुलसी के पौधे में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल व एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाते हैं। जहां तुलसी का पौधा लगा हुआ होता है वहां के आस-पास की हवा शुद्ध हो जाती है।
तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए, इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
विस्तार
Devuthani Ekadashi Tulsi Vivah 2020: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी के दिन श्री विष्णुरूप शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह संपन्न होता है। माना जाता है कि कार्तिक माह में तुलसी पूजन से जीवन में कई तरह के सकारात्मक बदलाव आते हैं और परेशानियां दूर होती हैं। भगवान नारायण की प्रिय तुलसी का पौधा प्रायः हर घर में होता है। इसे लगाना शास्त्रों में बेहद शुभ माना गया है। सभी धर्मग्रंथों में तुलसी के पौधे को मां लक्ष्मी का स्वरूप बताया गया है, यानी जहां पर तुलसी का पौधा होता है और उसकी पूजा-सेवा की जाती है, उस घर में लक्ष्मीजी की सदैव कृपा बनी रहती है। वास्तु के अनुसार घर में तुलसी का पौधा लगाने से वहां की नकारात्मकता दूर होती है और घर में सुख-शांति का माहौल बना रहता है। शास्त्रों में माना गया है कि रविवार, एकादशी और सूर्य व चंद्र ग्रहण के समय तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन तुलसी के पत्तों को भी नहीं तोड़ना चाहिए।
पद्मपुराण के अनुसार कलियुग में तुलसी का पूजन, कीर्तन, ध्यान, रोपण और धारण करने से वह समस्त पाप को जलाती है और स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करती है। यदि मंजरी युक्त तुलसी पत्रों के द्वारा भगवान श्री विष्णु की पूजा की जाए तो अनंत पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
जहां पर तुलसी लगी हुई होती है वहीं भगवान श्री कृष्ण की समीपता है तथा वहीं ब्रह्मा और लक्ष्मीजी भी सम्पूर्ण देवताओं के साथ विराजमान होते हैं। तुलसीजी के निकट जो स्रोत्र -मंत्र आदि का जप किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देने वाला होता है।
भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की कोई भी पूजा तुलसी दल के बिना पूरी नहीं मानी जाती है। वहीं हनुमान जी को भी भोग में तुलसी दल बहुत ही प्रिय होती है। पुराणों में बताया गया है मृत्यु के समय गंगाजल संग तुलसी के पत्ते लेने से आत्मा को शान्ति और स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
पूजा में कभी भी तुलसी के पत्ते और गंगाजल को बासी नहीं माना जाता। ये दोनों चीजें किसी भी परिस्थिति में बासी और अपवित्र नहीं मानी जाती। माना जाता है कि जिन घरों में रोजाना तुलसी की पूजा होती है वहां कभी यमदूत प्रवेश नहीं करते। इसके साथ ही घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है।
क्या है वैज्ञानिक महत्व
तुलसी के पौधे में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल व एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाते हैं। जहां तुलसी का पौधा लगा हुआ होता है वहां के आस-पास की हवा शुद्ध हो जाती है।
तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है और व्यक्ति की आयु बढ़ती है। संक्रामक रोगों से निपटने के लिए तुलसी बहुत कारगर उपाय है।
वास्तुदोष दूर करती है तुलसी
वास्तु की मान्यता के अनुसार जिन घरों में तुलसी का पौधा लगा हुआ होता है वहां पर वास्तु संबंधी दोष नहीं होता है। तुलसी का पौधा आने वाली विपत्ति के बारे में भी जानकारी देता है।घर में हरी-भरी तुलसी सुख,समृद्धि और सौभाग्य का सूचक है साथ ही ये परिवार की आर्थिक स्थिति के लिए भी शुभ माना जाता है वहीं तुलसी का अकारण ही सूख जाना भविष्य में आने वाली किसी परेशानी की ओर संकेत करती है।
वास्तु के अनुसार घर में तुलसी के पौधे के लिये उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। इन दिशाओं में तुलसी का पौधा लगाना घर में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाला होता है।
तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए, इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
तुलसी को घर में लगाने से कई सारे फायदे होते हैं। माना जाता है कि इससे पारिवारिक कलह कम होती है। धन लाभ के लिए सुबह उठकर तुलसी के ग्यारह पत्ते तोड़ लें। इन पत्तों को तोड़ने से पहले तुलसी मां से हाथ जोड़कर क्षमा मांग लें और इसके बाद ही इन्हें तोड़ें।
तुलसी पत्तों को घर के उस बर्तन में डाल दें जहां आप आटा रखते हैं। इस आटे का प्रयोग करने से कुछ ही दिनों में आपको घर में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगेगा।
नौकरी व कारोबार में तरक्की के लिए गुरुवार को तुलसी का पौधा पीले कपड़े में बांधकर, ऑफिस या दुकान में रखें। ऐसा करने से कारोबार बढ़ेगा और नौकरी में प्रमोशन भी हो जाएगा।
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