न्यूज डेस्क, अमर उजाला, आगरा
Updated Mon, 10 Aug 2020 11:57 AM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से अधूरी सहायता मिलने से नगला तुलसी एत्मादपुर निवासी 53 वर्षीय कैंसर रोगी सुधा देवी का इलाज छह माह से बंद है। कैंसर अस्पताल ने 2.10 लाख का बिल भेजा और 75 हजार रुपये मिले। अब इलाज के लिए सुधा बकाया सहायता राशि के भुगतान की गुहार लगा रही है।
मरीज के पति मोहन सिंह ने बताया मैं किसान हूं। डेढ़ बीघा खेत है। अक्टूबर 2019 में पत्नी को सीने में गांठ बनने से दर्द की शिकायत हुई। जांच में स्तन कैंसर निकला। हमारे पास इलाज के लिए पैसा नहीं था। विधायक ने मदद की।
ये भी पढ़ें : गरीबी से तंग आकर युवक ने की आत्महत्या, जेब से मिला सुसाइड नोट, लिखा...
मुख्यमंत्री कोष से ग्वालियर स्थित कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में इलाज के लिए कहा। वहां दो ऑपरेशन हुए। कीमोथैरेपी चल रही थी। अस्पताल ने 2.10 लाख का बिल सरकार को भेजा, तो 74,936 रुपये अस्पताल खाते में आए। बाकी भुगतान नहीं होने के कारण इलाज बीच में रुक गया।
मोहन सिंह ने बताया लॉकडाउन के बाद कीमोथैरिपी बंद हो गई। अब दोबारा से पत्नी को तकलीफ हो रही है। इलाज के लिए पैसा होता तो उसका इलाज करा लेता। बकाया सहायता राशि भुगतान के लिए डीएम से गुहार लगाई है। डीएम पीएन सिंह ने कहा सहायता राशि के लिए एडीएम प्रोटोकॉल को निर्देश दिए हैं। पत्राचार कर तत्काल सहायता राशि का भुगतान कराया जाएगा।
सार
कैंसर अस्पताल ने 2.10 लाख का बिल भेजा और 75 हजार रुपये मिले
विस्तार
मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से अधूरी सहायता मिलने से नगला तुलसी एत्मादपुर निवासी 53 वर्षीय कैंसर रोगी सुधा देवी का इलाज छह माह से बंद है। कैंसर अस्पताल ने 2.10 लाख का बिल भेजा और 75 हजार रुपये मिले। अब इलाज के लिए सुधा बकाया सहायता राशि के भुगतान की गुहार लगा रही है।
मरीज के पति मोहन सिंह ने बताया मैं किसान हूं। डेढ़ बीघा खेत है। अक्टूबर 2019 में पत्नी को सीने में गांठ बनने से दर्द की शिकायत हुई। जांच में स्तन कैंसर निकला। हमारे पास इलाज के लिए पैसा नहीं था। विधायक ने मदद की।
ये भी पढ़ें : गरीबी से तंग आकर युवक ने की आत्महत्या, जेब से मिला सुसाइड नोट, लिखा...
मुख्यमंत्री कोष से ग्वालियर स्थित कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में इलाज के लिए कहा। वहां दो ऑपरेशन हुए। कीमोथैरेपी चल रही थी। अस्पताल ने 2.10 लाख का बिल सरकार को भेजा, तो 74,936 रुपये अस्पताल खाते में आए। बाकी भुगतान नहीं होने के कारण इलाज बीच में रुक गया।
मोहन सिंह ने बताया लॉकडाउन के बाद कीमोथैरिपी बंद हो गई। अब दोबारा से पत्नी को तकलीफ हो रही है। इलाज के लिए पैसा होता तो उसका इलाज करा लेता। बकाया सहायता राशि भुगतान के लिए डीएम से गुहार लगाई है। डीएम पीएन सिंह ने कहा सहायता राशि के लिए एडीएम प्रोटोकॉल को निर्देश दिए हैं। पत्राचार कर तत्काल सहायता राशि का भुगतान कराया जाएगा।