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शहर में पिछले दो महीने में बिहार के मुंगेर से लाई गई 50 से अधिक पिस्टल बेची गई हैं। इन्हें एक ही समुदाय के लोगों ने खरीदा है। खुफिया पुलिस को इसकी जानकारी मिली है। इसके पीछे साजिश होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा। पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी है। पिस्टल बेचने और खरीदने वाले कई लोगों के नाम-पते भी मिल गए हैं। हरीपर्वत थाना पुलिस इनके घर दबिश दे रही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि खुफिया पुलिस को इसकी जानकारी 15 दिन पहले मिली थी। सहारनपुर में हुए बवाल के बाद पूरे प्रदेश की पुलिस को अलर्ट किया गया था। बताया गया था कि इस तरह की घटनाएं और भी जगह हो सकती हैं। इसी चौकसी के दौरान पुलिस को खबर मिली कि शहर में पिस्टल लाई जा रही हैं। सूचना चौंकाने वाली इसलिए थी क्योंकि चुनाव बीत चुका था। चुनाव के दौरान असलाह लाए जाते हैं लेकिन बाद में क्यों लाए गए इसी पर अफसरों का माथा ठनक गया। आगे पड़ताल की गई तो पता चला कि इन्हें एक ही समुदाय के लोगों ने खरीदा है। इसके बाद हरीपर्वत थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच को सक्रिय किया गया। कई संदिग्धों के नंबर सर्विलांस पर लिए गए। इसमें पूरा खुलासा हो गया है। अब सिर्फ गिरफ्तारी शेष रह गई है। इसके बाद और भी खुलासे हो सकते हैं। बता दें, चुनाव के दौरान शास्त्रीनगर में डुप्लिकेट विदेशी पिस्टल बनाने का कारखाना पकड़ा गया था। यहां से गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र, प्रदेश, ओड़ीशा तक पिस्टल बेची गईं थीं। इस मामले के बाद अब यह दूसरा बड़ा मामला सामने आया है।
तेलीपाड़ा का युवक बेच रहा पिस्टल
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पिस्टल बेचने वाले गिरोह में एक युवक लोहामंडी के तेलीपाड़ा का है। वह जूता कारीगर है। उसने कई पिस्टल बेची हैं। राकेश नगर का रहने वाला उसका साथी है।
15 हजार में लाए, 30 में बेची
पुलिस को जानकारी मिली है कि मुंगेर से पिस्टल 15-15 हजार में खरीदकर लाई गईं। इन्हें शहर में 30-30 हजार में बेचा गया। बेचने के लिए एक ही ठिकाना चुना गया। यह मानसिक अरोग्यशाला के पीछे है।
शहर में पिछले दो महीने में बिहार के मुंगेर से लाई गई 50 से अधिक पिस्टल बेची गई हैं। इन्हें एक ही समुदाय के लोगों ने खरीदा है। खुफिया पुलिस को इसकी जानकारी मिली है। इसके पीछे साजिश होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा। पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी है। पिस्टल बेचने और खरीदने वाले कई लोगों के नाम-पते भी मिल गए हैं। हरीपर्वत थाना पुलिस इनके घर दबिश दे रही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि खुफिया पुलिस को इसकी जानकारी 15 दिन पहले मिली थी। सहारनपुर में हुए बवाल के बाद पूरे प्रदेश की पुलिस को अलर्ट किया गया था। बताया गया था कि इस तरह की घटनाएं और भी जगह हो सकती हैं। इसी चौकसी के दौरान पुलिस को खबर मिली कि शहर में पिस्टल लाई जा रही हैं। सूचना चौंकाने वाली इसलिए थी क्योंकि चुनाव बीत चुका था। चुनाव के दौरान असलाह लाए जाते हैं लेकिन बाद में क्यों लाए गए इसी पर अफसरों का माथा ठनक गया। आगे पड़ताल की गई तो पता चला कि इन्हें एक ही समुदाय के लोगों ने खरीदा है। इसके बाद हरीपर्वत थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच को सक्रिय किया गया। कई संदिग्धों के नंबर सर्विलांस पर लिए गए। इसमें पूरा खुलासा हो गया है। अब सिर्फ गिरफ्तारी शेष रह गई है। इसके बाद और भी खुलासे हो सकते हैं। बता दें, चुनाव के दौरान शास्त्रीनगर में डुप्लिकेट विदेशी पिस्टल बनाने का कारखाना पकड़ा गया था। यहां से गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र, प्रदेश, ओड़ीशा तक पिस्टल बेची गईं थीं। इस मामले के बाद अब यह दूसरा बड़ा मामला सामने आया है।
तेलीपाड़ा का युवक बेच रहा पिस्टल
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पिस्टल बेचने वाले गिरोह में एक युवक लोहामंडी के तेलीपाड़ा का है। वह जूता कारीगर है। उसने कई पिस्टल बेची हैं। राकेश नगर का रहने वाला उसका साथी है।
15 हजार में लाए, 30 में बेची
पुलिस को जानकारी मिली है कि मुंगेर से पिस्टल 15-15 हजार में खरीदकर लाई गईं। इन्हें शहर में 30-30 हजार में बेचा गया। बेचने के लिए एक ही ठिकाना चुना गया। यह मानसिक अरोग्यशाला के पीछे है।