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मथुरा में छह दिन तक जिला अस्पताल की मोर्चरी में मजदूर का शव पड़ा रहा। सूचना मिलने के बाद भी छह दिन तक शहर कोतवाली पुलिस इस मामले पर सक्रिय नहीं हुई। उक्त व्यक्ति को वृंदावन के राहगीर ने पीआरवी की मदद से जिला अस्पताल में भर्ती कराया था।
शुक्रवार को जिला अस्पताल के सीएमएस ने शहर कोतवाली पुलिस को दोबारा जानकारी दी तो पुलिस की नींद टूटी और वृंदावन पुलिस को बताया। देर शाम वृंदावन पुलिस ने पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
26 मई को वृंदावन कोतवाली की रिपोर्टिंग पुलिस चौकी जैंत के छटीकरा रोड स्थित कृष्ण लोक कॉलोनी के पास गनपत (65) पुत्र शिवप्रसाद निवासी जहांगीर, थाना छाया छत्तीसगढ़ अचेत मिला था। मृतक मजदूर बताया जा रहा है।
राहगीर ने पीआरवी की मदद से उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां छह जून की सुबह उसकी मौत हो गई। नियमानुसार जिला अस्पताल के आपात कक्ष द्वारा कोतवाली में इसकी सूचना भिजवाई भी गई, जिसे कोतवाली के मुंशी ने रिसीव भी किया लेकिन शव का पंचनामा भरने पुलिस नहीं आई।
कोतवाली पुलिस ने वृंदावन पुलिस को सूचना भी नहीं दी। शुक्रवार को एक बार फिर से जिला अस्पताल को दूसरा रिमाइंडर इसी शव के पंचनामे के लिए शहर कोतवाली भेजना पड़ा। थाना कोतवाली में भी इस मामले को लेकर खलबली मच गई। मथुरा कोतवाली पुलिस ने मीमो भरकर वृंदावन कोतवाली भेजा।
सीएमएस डॉ आरएस मौर्य ने बताया कि जिला अस्पताल प्रशासन ने छह जून को ही पुलिस को व्यक्ति की मौत की सूचना भेजकर पंचनामा की कार्रवाई करने के लिए कहा था। इसके बाद दोबारा रिमाइंडर भेजकर पुलिस को याद दिलाया। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई।
मृतक छत्तीसगढ़ का रहने वाला गनपत है। शिनाख्त होने के बाद भी पुलिस ने उसके परिवार वालों को सूचना नहीं दी गई। इस मामले में जिला अस्पताल, शहर कोतवाली, वृंदावन कोतवाली और पीआरवी की सीधे तौर पर लापरवाही मानी जा रही है।
वृंदावन कोतवाल संजीव दुबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ के व्यक्ति की मौत के संबंध में हमें मथुरा कोतवाली पुलिस ने जानकारी नहीं दी, शुक्रवार को जानकारी मिलने पर दरोगा को शव का पंचनामा भरने के लिए भेजा है। मृतक के परिजनों को जल्द सूचना दी जाएगी।
उधर, शहर कोतवाल अवधेश प्रताप सिंह का कहना है कि उक्त मामले की जानकारी नहीं है। थाने के स्टाफ से जानकारी करने के बाद ही कुछ बता सकता हूं।
सरकार को सुप्रीम फटकार, कहा- अस्पतालों की विकट स्थिति देखें....हम जीवित लोगों को लेकर चिंतित
सार
- जिला अस्पताल की सूचना के बाद भी नहीं जागी पुलिस
- राहगीर ने पीआरवी की मदद से अस्पताल में कराया था भर्ती
विस्तार
मथुरा में छह दिन तक जिला अस्पताल की मोर्चरी में मजदूर का शव पड़ा रहा। सूचना मिलने के बाद भी छह दिन तक शहर कोतवाली पुलिस इस मामले पर सक्रिय नहीं हुई। उक्त व्यक्ति को वृंदावन के राहगीर ने पीआरवी की मदद से जिला अस्पताल में भर्ती कराया था।
शुक्रवार को जिला अस्पताल के सीएमएस ने शहर कोतवाली पुलिस को दोबारा जानकारी दी तो पुलिस की नींद टूटी और वृंदावन पुलिस को बताया। देर शाम वृंदावन पुलिस ने पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
26 मई को वृंदावन कोतवाली की रिपोर्टिंग पुलिस चौकी जैंत के छटीकरा रोड स्थित कृष्ण लोक कॉलोनी के पास गनपत (65) पुत्र शिवप्रसाद निवासी जहांगीर, थाना छाया छत्तीसगढ़ अचेत मिला था। मृतक मजदूर बताया जा रहा है।
छह जून को हुई थी मौत
राहगीर ने पीआरवी की मदद से उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां छह जून की सुबह उसकी मौत हो गई। नियमानुसार जिला अस्पताल के आपात कक्ष द्वारा कोतवाली में इसकी सूचना भिजवाई भी गई, जिसे कोतवाली के मुंशी ने रिसीव भी किया लेकिन शव का पंचनामा भरने पुलिस नहीं आई।
कोतवाली पुलिस ने वृंदावन पुलिस को सूचना भी नहीं दी। शुक्रवार को एक बार फिर से जिला अस्पताल को दूसरा रिमाइंडर इसी शव के पंचनामे के लिए शहर कोतवाली भेजना पड़ा। थाना कोतवाली में भी इस मामले को लेकर खलबली मच गई। मथुरा कोतवाली पुलिस ने मीमो भरकर वृंदावन कोतवाली भेजा।
सीएमएस डॉ आरएस मौर्य ने बताया कि जिला अस्पताल प्रशासन ने छह जून को ही पुलिस को व्यक्ति की मौत की सूचना भेजकर पंचनामा की कार्रवाई करने के लिए कहा था। इसके बाद दोबारा रिमाइंडर भेजकर पुलिस को याद दिलाया। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई।
परिजनों को भी नहीं दी सूचना
मृतक छत्तीसगढ़ का रहने वाला गनपत है। शिनाख्त होने के बाद भी पुलिस ने उसके परिवार वालों को सूचना नहीं दी गई। इस मामले में जिला अस्पताल, शहर कोतवाली, वृंदावन कोतवाली और पीआरवी की सीधे तौर पर लापरवाही मानी जा रही है।
वृंदावन कोतवाल संजीव दुबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ के व्यक्ति की मौत के संबंध में हमें मथुरा कोतवाली पुलिस ने जानकारी नहीं दी, शुक्रवार को जानकारी मिलने पर दरोगा को शव का पंचनामा भरने के लिए भेजा है। मृतक के परिजनों को जल्द सूचना दी जाएगी।
उधर, शहर कोतवाल अवधेश प्रताप सिंह का कहना है कि उक्त मामले की जानकारी नहीं है। थाने के स्टाफ से जानकारी करने के बाद ही कुछ बता सकता हूं।
सरकार को सुप्रीम फटकार, कहा- अस्पतालों की विकट स्थिति देखें....हम जीवित लोगों को लेकर चिंतित