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जहरीले स्मॉग यानी धुएं और धुंध का चेंबर बन गया है आगरा। यहां सांस लेने वालों के फेफड़ों में 40 से ज्यादा सिगरेट का धुआं हर दिन पहुंच रहा है। ताजमहल के शहर में प्रदूषण का आलम यह है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स में देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में आगरा फिर से चौथे स्थान पर रहा। दिल्ली में तो एनजीटी की फटकार के बाद सरकार सक्रिय हुई, लेकिन आगरा में प्रशासन ने प्रदूषण कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
एनसीआर के तीन शहरों, दिल्ली, फरीदाबाद और गुड़गांव के बाद देश में आगरा ही ऐसा शहर है जो सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं। ताजमहल के कारण 500 मीटर दायरे में डीजल-पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध और औद्योगिक इकाइयों के गैस से चलने के साथ सीएनजी वाहनों के होने के बाद भी आगरा में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सेंटर प्रभारी ने नगर निगम को कूड़ा जलाने से रोकने के लिए पत्र भेजा है तो वहीं ट्रैफिक पर नियंत्रण के लिए भी स्थानीय प्रशासन को कहा गया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी प्रदूषित इकाइयों पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, आगरा में पीएम-2.5 खतरनाक स्तर पर है। कोशिश करें कि बच्चों को बाहर न भेजें और सड़क पर मास्क लगाकर ही भेजें।
एयर क्वालिटी इंडेक्स का ये है हाल
शहर 4 नवंबर 5 नवंबर
फरीदाबाद 493 500
दिल्ली 485 489
गुड़गांव 419 439
आगरा 404 438
अहमदाबाद 377 360
जोधपुर 372 369
वाराणसी 300 301
लखनऊ 258 286
थाणे 246 175
कानपुर 232 254
मुंबई-कोलकाता की हवा आगरा से बेहतर
मुंबई और आगरा के बीच कोई तुलना नहीं, लेकिन आगरा से 10 गुना ज्यादा वाहनों और इससे कहीं ज्यादा उद्योगों के बाद भी मुंबई की हवा आगरा से बेहतर है, बल्कि उत्तर प्रदेश के किसी भी शहर से अच्छी है। मुंबई की एयर क्वालिटी इंडेक्स महज 74 है जो संतोषप्रद की श्रेणी में आती है, जबकि कोलकाता की हवा का इंडेक्स मात्र 46 है जो सबसे अच्छी है। बंगलूरू, दुर्गपुर, हैदराबाद, नासिक, नवी मुंबई, पुणे, विशाखापत्तनम आदि शहरों में यूपी के मुकाबले ज्यादा अच्छी हवा है, जबकि इन सभी शहरों में आगरा से कहीं ज्यादा वाहन और औद्योगिक इकाईयां हैं, जो गैस आधारित भी नहीं हैं।
बढ़ेगी हवा की रफ्तार, तभी मिलेगी राहत
आगरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिवाली से पहले ही सबसे खतरनाक की श्रेणी में आ चुका है। तब से यह कायम है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक हवा की रफ्तार और तापमान में बढ़ोतरी नहीं होगी, तब तक ऐसे ही सांस लेने में तकलीफ होती रहेगी।
वेस्टर्न डिस्टरबेंस से हवा और बारिश होने पर प्रदूषण के स्तर में एकदम कमी आ सकती है लेकिन फिलहाल ऐसा संभव नहीं है। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, धुंध और जहरीले धुएं की परत कम तापमान के कारण ऊपर नहीं उठ पाती। हवा न होने से प्रदूषणकारी तत्व नीचे ही बने रहते हैं जो लोगों के लिए घातक हैं। यही वजह है कि सर्दियों में उत्तर भारत के शहर जबरदस्त प्रदूषण की चपेट में आ रहे हैं जबकि दक्षिण भारत और समुद्र के किनारे बसे शहरों में तेज हवा और तापमान ज्यादा होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स देश भर में सबसे अच्छी है।
इस हद तक खराब हुई आगरा की हवा
तत्व न्यूनतम एवरेज अधिकतम
सल्फर डाईक्साइड 9 19 109
नाइट्रोजन डाईक्साइड 39 64 112
पीएम-2.5 220 438 500
कार्बन मोनोक्साइड 55 162 162
ओजोन 3 24 38
जहरीले स्मॉग यानी धुएं और धुंध का चेंबर बन गया है आगरा। यहां सांस लेने वालों के फेफड़ों में 40 से ज्यादा सिगरेट का धुआं हर दिन पहुंच रहा है। ताजमहल के शहर में प्रदूषण का आलम यह है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स में देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में आगरा फिर से चौथे स्थान पर रहा। दिल्ली में तो एनजीटी की फटकार के बाद सरकार सक्रिय हुई, लेकिन आगरा में प्रशासन ने प्रदूषण कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
एनसीआर के तीन शहरों, दिल्ली, फरीदाबाद और गुड़गांव के बाद देश में आगरा ही ऐसा शहर है जो सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं। ताजमहल के कारण 500 मीटर दायरे में डीजल-पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध और औद्योगिक इकाइयों के गैस से चलने के साथ सीएनजी वाहनों के होने के बाद भी आगरा में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सेंटर प्रभारी ने नगर निगम को कूड़ा जलाने से रोकने के लिए पत्र भेजा है तो वहीं ट्रैफिक पर नियंत्रण के लिए भी स्थानीय प्रशासन को कहा गया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी प्रदूषित इकाइयों पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, आगरा में पीएम-2.5 खतरनाक स्तर पर है। कोशिश करें कि बच्चों को बाहर न भेजें और सड़क पर मास्क लगाकर ही भेजें।
एयर क्वालिटी इंडेक्स का ये है हाल
शहर 4 नवंबर 5 नवंबर
फरीदाबाद 493 500
दिल्ली 485 489
गुड़गांव 419 439
आगरा 404 438
अहमदाबाद 377 360
जोधपुर 372 369
वाराणसी 300 301
लखनऊ 258 286
थाणे 246 175
कानपुर 232 254
मुंबई-कोलकाता की हवा आगरा से बेहतर
मुंबई और आगरा के बीच कोई तुलना नहीं, लेकिन आगरा से 10 गुना ज्यादा वाहनों और इससे कहीं ज्यादा उद्योगों के बाद भी मुंबई की हवा आगरा से बेहतर है, बल्कि उत्तर प्रदेश के किसी भी शहर से अच्छी है। मुंबई की एयर क्वालिटी इंडेक्स महज 74 है जो संतोषप्रद की श्रेणी में आती है, जबकि कोलकाता की हवा का इंडेक्स मात्र 46 है जो सबसे अच्छी है। बंगलूरू, दुर्गपुर, हैदराबाद, नासिक, नवी मुंबई, पुणे, विशाखापत्तनम आदि शहरों में यूपी के मुकाबले ज्यादा अच्छी हवा है, जबकि इन सभी शहरों में आगरा से कहीं ज्यादा वाहन और औद्योगिक इकाईयां हैं, जो गैस आधारित भी नहीं हैं।
बढ़ेगी हवा की रफ्तार, तभी मिलेगी राहत
आगरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिवाली से पहले ही सबसे खतरनाक की श्रेणी में आ चुका है। तब से यह कायम है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक हवा की रफ्तार और तापमान में बढ़ोतरी नहीं होगी, तब तक ऐसे ही सांस लेने में तकलीफ होती रहेगी।
वेस्टर्न डिस्टरबेंस से हवा और बारिश होने पर प्रदूषण के स्तर में एकदम कमी आ सकती है लेकिन फिलहाल ऐसा संभव नहीं है। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, धुंध और जहरीले धुएं की परत कम तापमान के कारण ऊपर नहीं उठ पाती। हवा न होने से प्रदूषणकारी तत्व नीचे ही बने रहते हैं जो लोगों के लिए घातक हैं। यही वजह है कि सर्दियों में उत्तर भारत के शहर जबरदस्त प्रदूषण की चपेट में आ रहे हैं जबकि दक्षिण भारत और समुद्र के किनारे बसे शहरों में तेज हवा और तापमान ज्यादा होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स देश भर में सबसे अच्छी है।
इस हद तक खराब हुई आगरा की हवा
तत्व न्यूनतम एवरेज अधिकतम
सल्फर डाईक्साइड 9 19 109
नाइट्रोजन डाईक्साइड 39 64 112
पीएम-2.5 220 438 500
कार्बन मोनोक्साइड 55 162 162
ओजोन 3 24 38