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क्षेत्र के कम्हरिया गांव में मंगलवार को दोपहर में मिट्टी से जोड़ी गई ईंट की दीवार गिरने से मलबे में दबकर बालिका की मौत हो गई। वह अपनी सहेली के साथ किसी काम से बाहर गई थी और घर लौट रही थी। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। ग्रामीणों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
गांव निवासी गौरीशंकर उर्फ बिगड़ू खरवार की पुत्री आंचल (10) अपनी सहेली के साथ किसी काम से निकल रही थी। दोपहर एक बजे बारिश शुरू हो गई। ऐसे में दोनों सहेलिया घर की तरफ लौटने लगी। रास्ते में रमेश उर्फ झुन्ना गोंड के घर की चहारदीवारी थी और मिट्टी से जोड़ी गई ईंट की दीवार जर्जर हो गई थी तथा बारिश की वजह से पूरी तरह गिली हो गई। जैसे ही आंचल गली से गुजरी दीवार भरभरा कर गई और आंचल उसके मलबे के नीचे दब गई। उसके साथ चल रही बालिका किरन बाल बाल बच गई। बालिका के मलबे में दबा देख लोगों ने शोर मचाया तो ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। आनन फानन में मलबा हटा कर उसे बाहर निकाला लेकिन तब तक आंचल की मौत हो चुकी थी। सूचना पाकर थानाध्यक्ष रामजी सिंह के साथ ही सदर एसडीएम भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
आंचल छह बहन और एक भाई में तीसरे नंबर पर थी। उसका पिता रमेश उर्फ झुन्ना मुंबई में रहकर नौकरी करता है। सूचना पर प्रधानपतिनिधि अनिल सिंह झुन्ना, संग्रह अमीन अशोक सिंह भी पहुंच गए। भाजपा नेता राजेश सिंह ने भी पहुंच कर परिवार वालों को सांत्वना दी। नेताओं ने मृतक के परिवार को आर्थिक सहयता देने की मांग की। इसी तरह क्षेत्र के धनाइत गांव में बारिश के बीच डेढ़ बजे बिजली गिरने से सचऊ यादव की पड़िया की मौत हो गई।
वहीं महुजी गांव में धीरेन्द्र वर्मा और मंगरू पासवान का खपरैल का मकान बारिश के बीच दोपहर दो बजे गिर गया। इससे गृहस्थी का पूरा सामान नष्ट हो गया। यह संयोग ही था कि घर के बाहर खेल रहे थे, इससे उनकी जान बच गई। इस घटना से दोनों परिवार के लोग खुले आसमान के नीचे आ गए हैं।