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झांसी। त्योहारों का सीजन नजदीक है और मिलावटी पनीर की बिक्री जारी है। इसमें अभी और इजाफा होगा। बाजार में लागत से कम दाम में शुद्ध होने के दावे के साथ पनीर गली-गली बिक रहा है। दूध में 40 फीसदी तक मिल्क पाउडर मिलाकर पनीर बनाया जा रहा है। जबकि, शुद्ध दूध से पनीर बनाया जाए तो 300 रुपये से ज्यादा इसकी लागत पहुंचती है लेकिन धड़ल्ले से मिलावटी पनीर 260 से 280 रुपये में बेचा जा रहा है।
शहर में दर्जनों स्थानों पर रोजाना कई क्विंटल मिलावटी पनीर तैयार किया जा रहा है लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग त्योहारों से कुछ दिन पहले कुछ जगहों पर छापेमारी कर खानापूर्ति कर देता है। बाजार में शुद्ध दूध 50 से लेकर 55 रुपये तक में मिल रहा है। एक किलो पनीर बनाने में लगभग 5 लीटर दूध लगता है। शुद्ध दूध से पनीर की लागत निकाली जाए तो दूध की लागत 275 रुपये तक आती है। इसमें अगर गैस और लेबर का खर्च प्रति किलो जोड़ा जाए तो 25-30 रुपये लागत अतिरिक्त लगती है। सभी खर्चों को जोड़कर देखा जाए तो 305 रुपये तक लागत पहुंचती है। जबकि, बड़ी-बड़ी दुकानों और दूध डेयरी में भी 260 रुपये से लेकर 280 रुपये के बीच पनीर उपलब्ध है।
ऐसे होती है मिलावट
दूध में मिलावट का खेल शहर में धड़ल्ले से चलता है। पनीर बनाने में दूध में फैट न के बराबर होता है। इसके अलावा इसे बनाने के लिए दूध में 40 प्रतिशत तक मिल्क पाउडर मिलाया जाता है। इसको फाड़कर पनीर और छेना बना लिया जाता है। इस प्रकार की मिलावट करने से पनीर बनाने की लागत बेहद कम हो जाती है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक अगर मिलावटी दूध और इससे बनी चीजों की बिक्री कम नहीं हुई तो देश में कैंसर रोगी बढ़ेंगे। 2025 तक इसमें 87 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है।
ऐसे पहचानें मिलावटी पनीर
- चिकनई न होने से पनीर बेहद खुरदुरा होगा।
- हाथ से मसलने पर पनीर टूटता चला जाएगा।
- फ्राई करने के बाद पनीर रबर की तरह हो जाता है।
- चाकू से काटने पर भी पनीर टूट जाएगा।
- हाथ से मसलने में मिलावटी पनीर में चिकनाई नहीं होगी।
लगातार अभियान चलाकर पनीर समेत खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जाते हैं, जिसमें भी मिलावट मिलती है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। आगे भी पनीर के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजे जाएंगे। - नरेंद्र कुमार, प्रभारी अभिहीत अधिकारी।
झांसी। त्योहारों का सीजन नजदीक है और मिलावटी पनीर की बिक्री जारी है। इसमें अभी और इजाफा होगा। बाजार में लागत से कम दाम में शुद्ध होने के दावे के साथ पनीर गली-गली बिक रहा है। दूध में 40 फीसदी तक मिल्क पाउडर मिलाकर पनीर बनाया जा रहा है। जबकि, शुद्ध दूध से पनीर बनाया जाए तो 300 रुपये से ज्यादा इसकी लागत पहुंचती है लेकिन धड़ल्ले से मिलावटी पनीर 260 से 280 रुपये में बेचा जा रहा है।
शहर में दर्जनों स्थानों पर रोजाना कई क्विंटल मिलावटी पनीर तैयार किया जा रहा है लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग त्योहारों से कुछ दिन पहले कुछ जगहों पर छापेमारी कर खानापूर्ति कर देता है। बाजार में शुद्ध दूध 50 से लेकर 55 रुपये तक में मिल रहा है। एक किलो पनीर बनाने में लगभग 5 लीटर दूध लगता है। शुद्ध दूध से पनीर की लागत निकाली जाए तो दूध की लागत 275 रुपये तक आती है। इसमें अगर गैस और लेबर का खर्च प्रति किलो जोड़ा जाए तो 25-30 रुपये लागत अतिरिक्त लगती है। सभी खर्चों को जोड़कर देखा जाए तो 305 रुपये तक लागत पहुंचती है। जबकि, बड़ी-बड़ी दुकानों और दूध डेयरी में भी 260 रुपये से लेकर 280 रुपये के बीच पनीर उपलब्ध है।
ऐसे होती है मिलावट
दूध में मिलावट का खेल शहर में धड़ल्ले से चलता है। पनीर बनाने में दूध में फैट न के बराबर होता है। इसके अलावा इसे बनाने के लिए दूध में 40 प्रतिशत तक मिल्क पाउडर मिलाया जाता है। इसको फाड़कर पनीर और छेना बना लिया जाता है। इस प्रकार की मिलावट करने से पनीर बनाने की लागत बेहद कम हो जाती है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक अगर मिलावटी दूध और इससे बनी चीजों की बिक्री कम नहीं हुई तो देश में कैंसर रोगी बढ़ेंगे। 2025 तक इसमें 87 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है।
ऐसे पहचानें मिलावटी पनीर
- चिकनई न होने से पनीर बेहद खुरदुरा होगा।
- हाथ से मसलने पर पनीर टूटता चला जाएगा।
- फ्राई करने के बाद पनीर रबर की तरह हो जाता है।
- चाकू से काटने पर भी पनीर टूट जाएगा।
- हाथ से मसलने में मिलावटी पनीर में चिकनाई नहीं होगी।
लगातार अभियान चलाकर पनीर समेत खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जाते हैं, जिसमें भी मिलावट मिलती है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। आगे भी पनीर के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजे जाएंगे। - नरेंद्र कुमार, प्रभारी अभिहीत अधिकारी।