असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयदशमी (दशहरा) मंगलवार को जिले भर में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर गांवों और कस्बों में मेले का आयोजन हुआ। इस दौरान जगह-जगह आतंक के पर्याय रहे दशानन का अंत करते हुए उसे जलाया गया। इससे पहले मेले में निकली राम, लक्ष्मण और रावण की चौकियां लोगों के आकर्षण का केंद्र रहीं। भरत मिलाप का कार्यक्रम देखने के लिए बुधवार की रात मेले में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।
विजयदशमी का त्यौहार भगवान राम द्वारा रावण के वध का दिन है। इसी दिन भगवान राम ने अहंकारी रावण का वध करते हुए माता सीता को रावणराज से मुक्ति दिलाई थी। तब से लेकर आज तक दशहरा पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक बना हुआ है। इन्हीं संदेशों के साथ यह त्यौहार प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। गांव-गांव नवरात्र प्रतिपदा से राम की लीलाओं का मंचन शुरू हो जाता है। मंगलवार को दशहरा के मौके पर रामलीला कमेटियों ने भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और रावण आदि की सवारियां निकाली। मंझनपुर कस्बे में शाम 4 बजे शोभायात्रा निकाली गई। दशानन वध का आतिशी खेल सराय अकिल, मनौरी, सिराथू, पश्चिमशरीरा, बिजिया, चपंहा, कड़ा, अजुहा, देवीगंज, मूरतगंज, चरवा, चायल, पुरामुफ्ती, तिल्हापुर आदि बाजार और विभिन्न गांवों में भी हुआ। जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग जुटे रहे। भरत मिलाप कार्यक्रम का आयोजन बुधवार की देर रात मेले में किया गया।
झांकियों ने दर्शकों का मोहा मन
मंझनपुर के साथ ही सरायअकिल बाजार में विजयदशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर पूरे कस्बे को रंगीन बिजली की झालरों से सजाया गया था। सरायअकिल के दशहरा मेले में रामलीला कमेटी की ओर राधा-कृष्ण की रासलीला, शिव तांडव, भगवान शिव द्वारा ताड़कासुर वध आदि विभिन्न धार्मिक प्रसंगों को प्रदर्शित करती हुई झांकियां निकाली गई।
असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयदशमी (दशहरा) मंगलवार को जिले भर में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर गांवों और कस्बों में मेले का आयोजन हुआ। इस दौरान जगह-जगह आतंक के पर्याय रहे दशानन का अंत करते हुए उसे जलाया गया। इससे पहले मेले में निकली राम, लक्ष्मण और रावण की चौकियां लोगों के आकर्षण का केंद्र रहीं। भरत मिलाप का कार्यक्रम देखने के लिए बुधवार की रात मेले में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।
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विजयदशमी का त्यौहार भगवान राम द्वारा रावण के वध का दिन है। इसी दिन भगवान राम ने अहंकारी रावण का वध करते हुए माता सीता को रावणराज से मुक्ति दिलाई थी। तब से लेकर आज तक दशहरा पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक बना हुआ है। इन्हीं संदेशों के साथ यह त्यौहार प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। गांव-गांव नवरात्र प्रतिपदा से राम की लीलाओं का मंचन शुरू हो जाता है। मंगलवार को दशहरा के मौके पर रामलीला कमेटियों ने भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और रावण आदि की सवारियां निकाली। मंझनपुर कस्बे में शाम 4 बजे शोभायात्रा निकाली गई। दशानन वध का आतिशी खेल सराय अकिल, मनौरी, सिराथू, पश्चिमशरीरा, बिजिया, चपंहा, कड़ा, अजुहा, देवीगंज, मूरतगंज, चरवा, चायल, पुरामुफ्ती, तिल्हापुर आदि बाजार और विभिन्न गांवों में भी हुआ। जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग जुटे रहे। भरत मिलाप कार्यक्रम का आयोजन बुधवार की देर रात मेले में किया गया।
झांकियों ने दर्शकों का मोहा मन
मंझनपुर के साथ ही सरायअकिल बाजार में विजयदशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर पूरे कस्बे को रंगीन बिजली की झालरों से सजाया गया था। सरायअकिल के दशहरा मेले में रामलीला कमेटी की ओर राधा-कृष्ण की रासलीला, शिव तांडव, भगवान शिव द्वारा ताड़कासुर वध आदि विभिन्न धार्मिक प्रसंगों को प्रदर्शित करती हुई झांकियां निकाली गई।
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