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अस्पताल और स्कूल भवन निर्माण का अधूरा काम सात दिन में पूरा करने की मोहलत लेकर निर्माण एजेंसी के अभियंता जेल जाने से बच गए हैं। डीएम ने चेताया कि किसी की कीमत पर विकास कार्यों में मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी। समय से काम पूरा नहीं करने वालों पर विभागीय कार्रवाई के साथ उनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी।
बता दें कि निर्माण एजेंसी सीएनडीएस और फैक्स फेड को कौशाम्बी में स्कूल और अस्पतालों के भवन निर्माण की जिम्मेदारी दी थी। आरोप है कि दोनों संस्थाओं के अभियंताओं ने मनमानी की है। समय से काम पूरा नहीं करने के अलावा मानक में भी खेल हुआ है। शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान डीएम अखंड प्रताप सिंह को जब स्कूल और अस्पताल भवन निर्माण का कार्य समय से पूरा नहीं मिला, तो उनका पारा गरम हो गया।
उन्होंने मंझनपुर कोतवाल को बुलाकर फैक्स फेड के सहायक अभियंता इंद्रेश यादव और सीएनडीएस के अवर अभियंता चंद्रप्रकाश को पुलिस के हवाले कर दिया था। उन्होंने सीडीओ को इन दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करके दोनों को जेल भेजने का आदेश दिया था। बाद में अभियंताओं ने अधूरे सभी काम 7 दिनों में किए जाने की मोहलत डीएम से मांगी। मोहलत लेकर दोनों अभियंता जेल जाने से बच गए।
अस्पताल और स्कूल भवन निर्माण का अधूरा काम सात दिन में पूरा करने की मोहलत लेकर निर्माण एजेंसी के अभियंता जेल जाने से बच गए हैं। डीएम ने चेताया कि किसी की कीमत पर विकास कार्यों में मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी। समय से काम पूरा नहीं करने वालों पर विभागीय कार्रवाई के साथ उनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी।
बता दें कि निर्माण एजेंसी सीएनडीएस और फैक्स फेड को कौशाम्बी में स्कूल और अस्पतालों के भवन निर्माण की जिम्मेदारी दी थी। आरोप है कि दोनों संस्थाओं के अभियंताओं ने मनमानी की है। समय से काम पूरा नहीं करने के अलावा मानक में भी खेल हुआ है। शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान डीएम अखंड प्रताप सिंह को जब स्कूल और अस्पताल भवन निर्माण का कार्य समय से पूरा नहीं मिला, तो उनका पारा गरम हो गया।
उन्होंने मंझनपुर कोतवाल को बुलाकर फैक्स फेड के सहायक अभियंता इंद्रेश यादव और सीएनडीएस के अवर अभियंता चंद्रप्रकाश को पुलिस के हवाले कर दिया था। उन्होंने सीडीओ को इन दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करके दोनों को जेल भेजने का आदेश दिया था। बाद में अभियंताओं ने अधूरे सभी काम 7 दिनों में किए जाने की मोहलत डीएम से मांगी। मोहलत लेकर दोनों अभियंता जेल जाने से बच गए।