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वेतन नहीं मिलने से नाराज विद्युत संविदा कर्मियों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। कर्मियों का आरोप है कि उनको पिछले दस माह से वेतन नहीं दिय गया है। कर्मियों ने प्रभारी जिलाधिकारी को मांगों का ज्ञापन सौंप कर वेतन दिलाए जाने की मांग की। साथ ही वेतन नहीं मिलने पर भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है। प्रभारी जिलाधिकारी ने कर्मियों को अति शीघ्र वेतन दिलाए जाने का आश्वासन दिया है।
चायल प्रथम पावर हाउस में तैनात रमेश कु मार, बुधराम, रंजीत कुमार, संतोष कुमार, राहुल कुमार, नितेश कुमार, संदीप कुमार, कुलदीप कुमार, आशोक कुमार, योगेंद्र सिंह आदि संविदा कर्मियों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय में वेतन नहीं मिलने को लेकर प्रदर्शन कर जमकर हंगामा काटा। कर्मियाें का आरोप है कि शासन द्वारा 11000 रुपया वेतन संविदा कर्मियों के लिए आता है। जबकि ठेकेदार व अफसरों की मिली भगत के चलते उनको 4500 रुपया दिया जाता है। संविदा कर्मियों का आरोप है कि पिछले दस माह से उनको वेतन नहीं दिया है। जिससे वह और उनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।
कर्मियों द्वारा वेतन मांगे जाने पर उनको पिछले दस माह से आश्वासन ही दिया जा रहा है। इसी बातों से नाराज कर्मियों ने बुधवार को कलक्ट्रेट में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने जमकर हंगामा काटा। प्रभारी जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र वेतन दिलाए जाने की मांग की। चेताया है कि यदि अतिशीघ्र वेतन नहीं दिया गया तो संविदा कर्मी भूख हड़ताल करने पर मजबूर हाेंगे। प्रभारी जिलाधिकारी ने संविदा कर्मियों को अतिशीघ्र वेतन दिलाए जाने का आश्वासन दिया है।
वेतन नहीं मिलने से नाराज विद्युत संविदा कर्मियों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। कर्मियों का आरोप है कि उनको पिछले दस माह से वेतन नहीं दिय गया है। कर्मियों ने प्रभारी जिलाधिकारी को मांगों का ज्ञापन सौंप कर वेतन दिलाए जाने की मांग की। साथ ही वेतन नहीं मिलने पर भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है। प्रभारी जिलाधिकारी ने कर्मियों को अति शीघ्र वेतन दिलाए जाने का आश्वासन दिया है।
चायल प्रथम पावर हाउस में तैनात रमेश कु मार, बुधराम, रंजीत कुमार, संतोष कुमार, राहुल कुमार, नितेश कुमार, संदीप कुमार, कुलदीप कुमार, आशोक कुमार, योगेंद्र सिंह आदि संविदा कर्मियों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय में वेतन नहीं मिलने को लेकर प्रदर्शन कर जमकर हंगामा काटा। कर्मियाें का आरोप है कि शासन द्वारा 11000 रुपया वेतन संविदा कर्मियों के लिए आता है। जबकि ठेकेदार व अफसरों की मिली भगत के चलते उनको 4500 रुपया दिया जाता है। संविदा कर्मियों का आरोप है कि पिछले दस माह से उनको वेतन नहीं दिया है। जिससे वह और उनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।
कर्मियों द्वारा वेतन मांगे जाने पर उनको पिछले दस माह से आश्वासन ही दिया जा रहा है। इसी बातों से नाराज कर्मियों ने बुधवार को कलक्ट्रेट में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने जमकर हंगामा काटा। प्रभारी जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र वेतन दिलाए जाने की मांग की। चेताया है कि यदि अतिशीघ्र वेतन नहीं दिया गया तो संविदा कर्मी भूख हड़ताल करने पर मजबूर हाेंगे। प्रभारी जिलाधिकारी ने संविदा कर्मियों को अतिशीघ्र वेतन दिलाए जाने का आश्वासन दिया है।