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मऊ। सोमवार को मौसम में बदलने से ठंड का अहसास हुआ। सुबह से ही बादल छा गए और हल्की बूंदाबांदी से जनजीवन प्रभावित रहा। मौसम में बदलाव देख किसानों को फसल नुकसान की चिंता सताने लगी है। खेत, खलिहान में काटकर रखी फसल को सुरक्षित रखने में लगे रहे।
दीपावली पर्व के बाद सोमवार को मौसम ने करवट लिया। सोमवार को सुबह करीब सात बजे बूंदाबांदी होने से पारा में गिरावट आने से ठंड बढ़ गई। अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेंटीग्रेट तथा न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेंटीग्रेट रहा। दोपहर तक भगवान भाष्कर का दर्शन नहीं हुए। मौसम परिवर्तन से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी है। इस समय धान लेट वेराइटी के धान की फसल की कटाई चल रही है। वहीं हार्वेस्टर से काटे गए धान को सूखाने में लोग लगे हैं।
वहीं नेफोर्ड के जिला प्रभारी तथा कृषि विशेषज्ञ संतोष मिश्रा का कहना है कि बारिश होने की स्थिति में खेती किसानी पर विपरीत असर पड़ेगा। बारिश होने पर गेहूं की बुआई पिछडे़गी। जिन फसलों की बुआई हुई है जमाव पर असर पड़ेगा। फतहपुर मंडाव संवाददाता के अनुसार सोमवार की सुबह तेज हवा के साथ रिमझिम बारिश होने से जनजीवन प्रभावित रहा।
खराब मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता
इंदारा। आसमान में छाई बदली और तेज हवा के साथ मौसम का मिजाज सोमवार को पूरे दिन बिगड़ा रहा। दिन में हल्की बुंदाबांदी के साथ अचानक ठंड बढ़ गई। पूरे दिन बादल छाए रहे। अचानक ठंड बढ़ने के साथ ही लोगों को गर्म कपड़े पहनने पड़े। सुबह लगभग दस बजे अचानक बूंदाबांदी होनेे लगी। मौसम के बिगड़े मिजाज देख किसानों की धड़कनें तेज हो गईं।
खासकर आलू उत्पादक किसान आलू में रोग लगने की आशंका से परेशान हो गए। किसानों का कहना है कि अभी बड़े पैमाने पर धान की फसल की कटाई बाकी है। कुछ किसानों के धान की कटाई के बाद फसल अभी खेतों में ही पड़ी है। किसानों का कहना है कि अगर ऐसे समय में बारिश हुई तो काफी नुकसान होगा। धान की कटाई में मुश्किल आएगी तथा खेतों में नमी बढ़ने से रबी फसलों की बुआई की तैयारी में देरी होगी तो देर से बुआई होने पर रबी फसलों के अत्पादन में कमी आएगी। उधर अचानक ठंड बढ़ने के से गर्म कपड़ों की की मांग काफी बढ़ गई है। खासकर बढ़ते ठंड को देखते हुए बच्चों के गर्म कपड़ों की खरीदारी करने में महिलाएं जुट गईं।
मऊ। सोमवार को मौसम में बदलने से ठंड का अहसास हुआ। सुबह से ही बादल छा गए और हल्की बूंदाबांदी से जनजीवन प्रभावित रहा। मौसम में बदलाव देख किसानों को फसल नुकसान की चिंता सताने लगी है। खेत, खलिहान में काटकर रखी फसल को सुरक्षित रखने में लगे रहे।
दीपावली पर्व के बाद सोमवार को मौसम ने करवट लिया। सोमवार को सुबह करीब सात बजे बूंदाबांदी होने से पारा में गिरावट आने से ठंड बढ़ गई। अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेंटीग्रेट तथा न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेंटीग्रेट रहा। दोपहर तक भगवान भाष्कर का दर्शन नहीं हुए। मौसम परिवर्तन से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी है। इस समय धान लेट वेराइटी के धान की फसल की कटाई चल रही है। वहीं हार्वेस्टर से काटे गए धान को सूखाने में लोग लगे हैं।
वहीं नेफोर्ड के जिला प्रभारी तथा कृषि विशेषज्ञ संतोष मिश्रा का कहना है कि बारिश होने की स्थिति में खेती किसानी पर विपरीत असर पड़ेगा। बारिश होने पर गेहूं की बुआई पिछडे़गी। जिन फसलों की बुआई हुई है जमाव पर असर पड़ेगा। फतहपुर मंडाव संवाददाता के अनुसार सोमवार की सुबह तेज हवा के साथ रिमझिम बारिश होने से जनजीवन प्रभावित रहा।
खराब मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता
इंदारा। आसमान में छाई बदली और तेज हवा के साथ मौसम का मिजाज सोमवार को पूरे दिन बिगड़ा रहा। दिन में हल्की बुंदाबांदी के साथ अचानक ठंड बढ़ गई। पूरे दिन बादल छाए रहे। अचानक ठंड बढ़ने के साथ ही लोगों को गर्म कपड़े पहनने पड़े। सुबह लगभग दस बजे अचानक बूंदाबांदी होनेे लगी। मौसम के बिगड़े मिजाज देख किसानों की धड़कनें तेज हो गईं।
खासकर आलू उत्पादक किसान आलू में रोग लगने की आशंका से परेशान हो गए। किसानों का कहना है कि अभी बड़े पैमाने पर धान की फसल की कटाई बाकी है। कुछ किसानों के धान की कटाई के बाद फसल अभी खेतों में ही पड़ी है। किसानों का कहना है कि अगर ऐसे समय में बारिश हुई तो काफी नुकसान होगा। धान की कटाई में मुश्किल आएगी तथा खेतों में नमी बढ़ने से रबी फसलों की बुआई की तैयारी में देरी होगी तो देर से बुआई होने पर रबी फसलों के अत्पादन में कमी आएगी। उधर अचानक ठंड बढ़ने के से गर्म कपड़ों की की मांग काफी बढ़ गई है। खासकर बढ़ते ठंड को देखते हुए बच्चों के गर्म कपड़ों की खरीदारी करने में महिलाएं जुट गईं।