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मेरठ। मेरठ कॉलेज के मूट कोर्ट हॉल में बृहस्पतिवार को भगत सिंह की जयंती पर कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मेलन का संचालन करते हुए जानेमाने कवि हरिओम पंवार ने अपनी कविता के माध्यम से काले धन पर जमकर प्रहार किया। अन्य कवियों ने अपनी कविता से सरकार को घेरा और क्रांतिकारियों की वीर गाथा कही।
काले धन पर हरिओम पंवार की कविता अब तक दिल्ली मौन साध कर बैठी है, शुक्र मनाओ जनता अब तक हाथ बांध कर बैठी है... सुनते ही हॉल तालियों से गूंज उठा। मथुरा से कवि मनवीर मधुर ने गोरो की हिंसा का जो हिंंसक प्रतिवाद नहीं होता, सिर्फ अहिंसा के बल पर भारत आजाद नहीं होता सुनाकर भगत सिंह की वीर गाथा को याद किया। कवि डॉ. अर्जुन सिसौदिया की कविता शौर्य सिंधु का विराट ज्वार थे भगत सिंह, जिससे फिरंगियों की नाव डूब जानी थी... ने भी लोगों की खूब वाहवाही लूटी। अलीगढ़ से आई कवियत्री मुमताज नसीम ने तुझे कैसे इल्म न हो सका बड़ी दूर तक ये खबर गई... सुनाकर माहौल को भावमय बना दिया। सुमनेश सुमन और विनीत चौहान अलवर राज ने अपनी कविता में सरकार पर प्रहार किया। जयपुर से संपत सरल ने कविता के माध्यम से जमीन से जुड़े रहने की सीख दी। सत्यपाल सत्यम और सरदार मनजीत सिंह ने भी अपनी प्रस्तुति दी।
मेरठ। मेरठ कॉलेज के मूट कोर्ट हॉल में बृहस्पतिवार को भगत सिंह की जयंती पर कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मेलन का संचालन करते हुए जानेमाने कवि हरिओम पंवार ने अपनी कविता के माध्यम से काले धन पर जमकर प्रहार किया। अन्य कवियों ने अपनी कविता से सरकार को घेरा और क्रांतिकारियों की वीर गाथा कही।
काले धन पर हरिओम पंवार की कविता अब तक दिल्ली मौन साध कर बैठी है, शुक्र मनाओ जनता अब तक हाथ बांध कर बैठी है... सुनते ही हॉल तालियों से गूंज उठा। मथुरा से कवि मनवीर मधुर ने गोरो की हिंसा का जो हिंंसक प्रतिवाद नहीं होता, सिर्फ अहिंसा के बल पर भारत आजाद नहीं होता सुनाकर भगत सिंह की वीर गाथा को याद किया। कवि डॉ. अर्जुन सिसौदिया की कविता शौर्य सिंधु का विराट ज्वार थे भगत सिंह, जिससे फिरंगियों की नाव डूब जानी थी... ने भी लोगों की खूब वाहवाही लूटी। अलीगढ़ से आई कवियत्री मुमताज नसीम ने तुझे कैसे इल्म न हो सका बड़ी दूर तक ये खबर गई... सुनाकर माहौल को भावमय बना दिया। सुमनेश सुमन और विनीत चौहान अलवर राज ने अपनी कविता में सरकार पर प्रहार किया। जयपुर से संपत सरल ने कविता के माध्यम से जमीन से जुड़े रहने की सीख दी। सत्यपाल सत्यम और सरदार मनजीत सिंह ने भी अपनी प्रस्तुति दी।