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कैंट स्थित सोफिया गर्ल्स स्कूल के पास शनिवार दोपहर दिल दहलाने वाला हादसा होने से बाल-बाल बच गया। यात्रियों से भरी रोडवेज बस के ब्रेक फेल हो गए। इससे पहले बस पलटती कि ड्राइवर ने एक के बाद एक तीन कारों में टक्कर मार दी। बस के यात्री और कार में सवार लोगों की चीख सुनकर लोगों की भीड़ लग गई।
लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। आनन फानन में पुलिस ने घेराबंदी कर बस ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। क्षतिग्रस्त तीनों कारों व बस को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।
मेरठ डिपो की रोडवेज बस शामली से करीब 39 यात्रियों को लेकर लौट रही थी। सोफिया गर्ल्स स्कूल चौराहे के पास अचानक बस के ब्रेक फेल हो गए। ड्राइवर ब्रजपाल मलिक निवासी फुगाना, मुजफ्फरनगर ने बस को बेगमपुल जाने की बजाए सोफिया स्कूल की तरफ मोड़ दिया।
बस की स्पीड तेज होने के चलते ड्राइवर ने कर्नल एसएस बॉक निवासी आरबी एंक्लेव कैंट की पत्नी नवरूप कौर की असेंट कार में टक्कर मारी। कार कर्नल की पत्नी चला रही थी, जबकि उनकी बेटी बराबर की सीट पर बैठी थी। उसके बाद बस ने दूसरी असेंट कार में टक्कर मारी, जिसमें व्यापारी विशाल और उसका छोटा भाई आशु निवासी शास्त्रीनगर बैठे थे। दो कारों में टक्कर मारने के बाद तीसरी कार सेंटो में बस की टक्कर लगी। इसमें अनुज निवासी दौराला अपने परिवार के साथ था। कारों में टक्कर मारने के बाद ड्राइवर ने बस रजबन की तरफ दौड़ा दी। बस में सवार यात्रियों ने शोर मचाया तो लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी। बस पलटने से बाल-बाल बची।
घेराबंदी करके पकड़ी बस
हादसे की जानकारी लगते ही सदर बाजार पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बस की घेराबंदी कर ली। ड्राइवर ने जैसे तैसे बस को रोका। पुलिस ने ड्राइवर ब्रजपाल को गिरफ्तार किया और थाने ले आए। सदर बाजार इंस्पेक्टर गजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि भैसाली बस डिपो के अधिकारियों को बुलाया गया है। कर्नल एसएस बॉक ने थाने में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करेगी।
चीख पुकार मचते ही हड़कंप
बस के ब्रेक फेल हो गए, यह सुनकर यात्रियों की सांसें थम गईं। ड्राइवर चिल्लाने लगा कि सावधान होकर बैठ रहो। यात्रियों ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया। तीन कारों में टक्कर लगते ही अफरातफरी मच गई। एक तरफ यात्री तो दूसरी तरफ कार में सवार लोगों की चीख पुकार सुनते ही वहां से गुजर रहे लोगों में भगदड़ मच गई।
‘हमारी तो जान बच गई’
हादसे के बाद कर्नल और उनकी पत्नी, विशाल और उसका भाई आशु समेत करीब एक दर्जन लोग सदर बाजार थाने पहुंचे। पीड़ित लोगों ने बताया कि जिस तरह से हादसा हुआ, उससे लगा कि अनहोनी होनी थी। चौराहा क्रास करने के इंतजार में अपनी-अपनी कार में बैठे थे। उनको अंदाजा नहीं था कि ड्राइवर बस उनकी तरफ मोड़ देगा। आज तो बस जान ही बच गई।
भीड़भाड़ वाले इलाके में 100 की स्पीड
भीड़भाड़ इलाके में ड्राइवर रोडवेज बसों को अंधाधुंध दौड़ाते हैं। इस हादसे में रोडवेज बस की स्पीड 100 बताई गई है। रोजाना रोडवेज बसों से हादसे होने पर लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। हादसे के बाद लोगों ने बस में तोड़फोड़ करने की कोशिश की, लेकिन गणमान्य लोगों ने उनको शांत किया। ड्राइवर का कहना है कि अगर सोफिया स्कूल की तरफ बस नहीं मोड़ता तो बड़ा हादसा हो जाता। तीनों कार में टक्कर मानने की बाद बस की स्पीड कुछ कम हुई, तब जाकर उसको कंट्रोल किया गया।
स्कूल की हो गई थी छुट्टी
यह हादसा दोपहर पौने दो बजे हुआ। सोफिया स्कूल की छुट्टी 15 मिनट पहले ही हुई थी। लोगों का कहना है कि अगर हादसा थोड़ी देर पहले हो जाता तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। क्योंकि उस समय चौराहे से लेकर स्कूल के करीब 100 मीटर तक लोगों की भीड़ लगी होती है। हालांकि हादसे के वक्त चौराहे पर ज्यादा भीड़ नहीं थी।
कब तक होगी लापरवाही
रोडवेज बसों से रोजाना हादसे हो रहे हैं। अधिकांश हादसे ड्राइवर की लापरवाही के चलते हो रहे हैं। बस खटारा हो चुकी हैं, जिसके चलते कभी ब्रेक फेल तो कभी स्टेरिंग खराब होना बताया जाता है। बड़ा सवाल है कि आखिर खटारा बस रोडवेज में क्यों चलाई जा रही हैं।
यह हुए हादसे
1. तीन महीने पहले मोदीपुरम में हाईटेंशन लाइन से रोडवेज बस टकरा गई थी। तीन दर्जन से अधिक यात्री घायल हुए थे।
2. चार महीने पहले बिजली बंबा बाईपास पर रोडवेज की टक्कर से मां बेटी की मौत। बस के ब्रेक फेल होना बताया गया था।
3. छह महीने पहले केसरगंज में रोडवेज बस की टक्कर से एक बच्चे की मौत हुई थी।
4. आठ महीने पहले मवाना रोड स्थित सैनी गांव में रोडवेज बस की टक्कर से एक किशोर की मौत।
5. हापुड़ रोड पर दो महीने पहले रोडवेज बस की टक्कर से युवक की जान चली गई थी।
कैंट स्थित सोफिया गर्ल्स स्कूल के पास शनिवार दोपहर दिल दहलाने वाला हादसा होने से बाल-बाल बच गया। यात्रियों से भरी रोडवेज बस के ब्रेक फेल हो गए। इससे पहले बस पलटती कि ड्राइवर ने एक के बाद एक तीन कारों में टक्कर मार दी। बस के यात्री और कार में सवार लोगों की चीख सुनकर लोगों की भीड़ लग गई।
लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। आनन फानन में पुलिस ने घेराबंदी कर बस ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। क्षतिग्रस्त तीनों कारों व बस को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।
मेरठ डिपो की रोडवेज बस शामली से करीब 39 यात्रियों को लेकर लौट रही थी। सोफिया गर्ल्स स्कूल चौराहे के पास अचानक बस के ब्रेक फेल हो गए। ड्राइवर ब्रजपाल मलिक निवासी फुगाना, मुजफ्फरनगर ने बस को बेगमपुल जाने की बजाए सोफिया स्कूल की तरफ मोड़ दिया।
बस की स्पीड तेज होने के चलते ड्राइवर ने कर्नल एसएस बॉक निवासी आरबी एंक्लेव कैंट की पत्नी नवरूप कौर की असेंट कार में टक्कर मारी। कार कर्नल की पत्नी चला रही थी, जबकि उनकी बेटी बराबर की सीट पर बैठी थी। उसके बाद बस ने दूसरी असेंट कार में टक्कर मारी, जिसमें व्यापारी विशाल और उसका छोटा भाई आशु निवासी शास्त्रीनगर बैठे थे। दो कारों में टक्कर मारने के बाद तीसरी कार सेंटो में बस की टक्कर लगी। इसमें अनुज निवासी दौराला अपने परिवार के साथ था। कारों में टक्कर मारने के बाद ड्राइवर ने बस रजबन की तरफ दौड़ा दी। बस में सवार यात्रियों ने शोर मचाया तो लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी। बस पलटने से बाल-बाल बची।
घेराबंदी करके पकड़ी बस
हादसे की जानकारी लगते ही सदर बाजार पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बस की घेराबंदी कर ली। ड्राइवर ने जैसे तैसे बस को रोका। पुलिस ने ड्राइवर ब्रजपाल को गिरफ्तार किया और थाने ले आए। सदर बाजार इंस्पेक्टर गजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि भैसाली बस डिपो के अधिकारियों को बुलाया गया है। कर्नल एसएस बॉक ने थाने में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करेगी।
चीख पुकार मचते ही हड़कंप
बस के ब्रेक फेल हो गए, यह सुनकर यात्रियों की सांसें थम गईं। ड्राइवर चिल्लाने लगा कि सावधान होकर बैठ रहो। यात्रियों ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया। तीन कारों में टक्कर लगते ही अफरातफरी मच गई। एक तरफ यात्री तो दूसरी तरफ कार में सवार लोगों की चीख पुकार सुनते ही वहां से गुजर रहे लोगों में भगदड़ मच गई।
‘हमारी तो जान बच गई’
हादसे के बाद कर्नल और उनकी पत्नी, विशाल और उसका भाई आशु समेत करीब एक दर्जन लोग सदर बाजार थाने पहुंचे। पीड़ित लोगों ने बताया कि जिस तरह से हादसा हुआ, उससे लगा कि अनहोनी होनी थी। चौराहा क्रास करने के इंतजार में अपनी-अपनी कार में बैठे थे। उनको अंदाजा नहीं था कि ड्राइवर बस उनकी तरफ मोड़ देगा। आज तो बस जान ही बच गई।
भीड़भाड़ वाले इलाके में 100 की स्पीड
भीड़भाड़ इलाके में ड्राइवर रोडवेज बसों को अंधाधुंध दौड़ाते हैं। इस हादसे में रोडवेज बस की स्पीड 100 बताई गई है। रोजाना रोडवेज बसों से हादसे होने पर लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। हादसे के बाद लोगों ने बस में तोड़फोड़ करने की कोशिश की, लेकिन गणमान्य लोगों ने उनको शांत किया। ड्राइवर का कहना है कि अगर सोफिया स्कूल की तरफ बस नहीं मोड़ता तो बड़ा हादसा हो जाता। तीनों कार में टक्कर मानने की बाद बस की स्पीड कुछ कम हुई, तब जाकर उसको कंट्रोल किया गया।
स्कूल की हो गई थी छुट्टी
यह हादसा दोपहर पौने दो बजे हुआ। सोफिया स्कूल की छुट्टी 15 मिनट पहले ही हुई थी। लोगों का कहना है कि अगर हादसा थोड़ी देर पहले हो जाता तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। क्योंकि उस समय चौराहे से लेकर स्कूल के करीब 100 मीटर तक लोगों की भीड़ लगी होती है। हालांकि हादसे के वक्त चौराहे पर ज्यादा भीड़ नहीं थी।
कब तक होगी लापरवाही
रोडवेज बसों से रोजाना हादसे हो रहे हैं। अधिकांश हादसे ड्राइवर की लापरवाही के चलते हो रहे हैं। बस खटारा हो चुकी हैं, जिसके चलते कभी ब्रेक फेल तो कभी स्टेरिंग खराब होना बताया जाता है। बड़ा सवाल है कि आखिर खटारा बस रोडवेज में क्यों चलाई जा रही हैं।
यह हुए हादसे
1. तीन महीने पहले मोदीपुरम में हाईटेंशन लाइन से रोडवेज बस टकरा गई थी। तीन दर्जन से अधिक यात्री घायल हुए थे।
2. चार महीने पहले बिजली बंबा बाईपास पर रोडवेज की टक्कर से मां बेटी की मौत। बस के ब्रेक फेल होना बताया गया था।
3. छह महीने पहले केसरगंज में रोडवेज बस की टक्कर से एक बच्चे की मौत हुई थी।
4. आठ महीने पहले मवाना रोड स्थित सैनी गांव में रोडवेज बस की टक्कर से एक किशोर की मौत।
5. हापुड़ रोड पर दो महीने पहले रोडवेज बस की टक्कर से युवक की जान चली गई थी।