हस्तिनापुर महाभारत कालीन ऐतिहासिक नगरी में मौजूद कर्ण मंदिर द्वापर युग का साक्षी है। यह वही स्थान है, जहां इंद्र ने कर्ण को कवच और कुंडल दान किए थे। कर्ण जिस देवी की तपस्या कर प्रतिदिन सवा मन सोना प्राप्त करते और दान करते थे, आज उसी कामाख्या देवी का मंदिर जीर्ण शीर्ण अवस्था में है। इसकी आज तक पर्यटन विभाग और सरकार को कोई चिंता नहीं है।